
बिहार के मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची के रेप और मौत पर मायावती का हमला: बिहार कब बदलेगा?
पीएमसीएच में इलाज न मिलने पर दलित बच्ची की मौत, मायावती ने बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली पर उठाए सवाल




लखनऊ/पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में 9 साल की दलित बच्ची के साथ दरिंदगी और इलाज में लापरवाही के चलते हुई मौत के मामले ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया है। घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने बिहार की कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रश्न खड़े किए है।


मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दलित नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म एवं उसे चाकू से गोदकर मारने, फिर पटना के अस्पताल में उसके इलाज में देरी एवं लापरवाही से हुई मौत की घटना निंदनीय है।” उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार की बदहाल कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य तंत्र का जीता-जागता उदाहरण है। मायावती ने बिहार सरकार से मांग की कि सभी दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी नजर आए और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए प्रभावी कदम उठाए।


क्या है मामला?
मामला 26 मई का है। मुजफ्फरपुर के तुर्की थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 9 वर्षीय दलित बच्ची को एक युवक बहला-फुसलाकर खेत की ओर ले गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। यही नहीं, बच्ची के गले और सीने में धारदार हथियार से कई वार किए गए।

परिजनों को बच्ची बेहोशी की हालत में खेत में मिली। उसे तुरंत मुजफ्फरपुर के अस्पताल ले जाया गया, जहां से पटना के पीएमसीएच में रेफर कर दिया गया। आरोप है कि पीएमसीएच में बेड उपलब्ध न होने के कारण बच्ची को घंटों एंबुलेंस में ही इंतजार करना पड़ा और अंततः उसने दम तोड़ दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और माहौल
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इस घटना ने सियासी हलचल मचा दी है। कांग्रेस, राजद, और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इसे राज्य की "असंवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था" का परिणाम बताया है।

