
मऊ विधायक अब्बास अंसारी व चाचा मंसूर को दो साल की सजा, जानिए विधायकी रहेगी या जाएगी?
हेट स्पीच मामले में चली तीन साल तक सुनवाई के बाद आया फैसला




एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा के साथ लगाया तीन हजार का जुर्माना
अब्बास अंसारी ने कहा-फैसले को देंगे हाईकोर्ट में चुनौती
जौनपुर, भदैनी मिरर। हेट स्पीच मामले में माफिया सरगना स्व. मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी और उनके चाचा मंसूर अंसारी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दो हजार रूपये जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में अब्बास अंसारी के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि वह फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती। हेट स्पीच मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट पिछले 28 मई को बहस पूरी हो गई थी। अदालत ने फैसले पर सुनवाई के लिए 31 मई की तिथि निर्धारित कर दी थी। आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुनवाई शुरू हुई और कोर्ट ने अब्बास अंसारी और उनके चाचा को दोषी करार दिया था। बाद में अदालत ने दोनों को दो साल की सजा सुना दी। कोर्ट में सजा सुनाये जाने के बाद अब्बास अंसारी ने कहाकि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अब्बास अंसारी का आरोप है कि उनके पक्ष को पूरी तरह सुना नहीं गया।

सजा सुनाये जाने से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सजा की समयसीमा अब्बास अंसारी की विधायकी पर असर डाल सकती है। हालांकि दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया कि अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता सुरक्षित है। अगर अब्बास अंसारी को दो साल से ज्यादा सजा होती, तो उन्हें अपनी विधानसभा की कुर्सी छोड़नी पड़ती। आपको बता दें कि विधायक अब्बास अंसारी का यह मामला साल 2022 का है। चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में जनसभा आयोजित थी। इसी दौरान उन्होंने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था।


आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी थी। इसे हेट स्पीच माना गया। अब्बास के इस भाषण को लेकर मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई लगभग 3 साल तक चली। सीजेएम कोर्ट ने धारा 506 आईपीसी में 2 वर्ष की सजा और 3000 रुपये अथदंड, धारा 171एफ में 6 माह की सजा 2000 रुपए अर्थदंड, धारा 153ए में 2 वर्ष की सजा 3000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इसी मुकदमे में उनके छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया। इस मामले में सह-आरोपित और अब्बास के चाचा मंसूर अंसारी को अदालत ने केवल 120 बी के तहत षड्यंत्र रचने का दोषी पाया और 6 माह की सजा सुनाई और एक हजार रूपये जुर्माना लगाया है।


