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Mansa Devi Temple Stampede : मरने वालों में चार लोग यूपी के, CM Yogi ने जताया शोक, परिजनों को 2-2 लाख की सहायता राशि घोषित

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Mansa Devi Temple Stampede  : हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर रविवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। हादसे में उत्तर प्रदेश के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। इस दुखद घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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हादसे में यूपी के चार श्रद्धालुओं की गई जान

मारे गए श्रद्धालुओं में बरेली के आरुष, रामपुर के विक्की, बाराबंकी के वकील और बदायूं की शांति देवी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है और इससे मन आहत हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उत्तराखंड सरकार से समन्वय बनाकर मृतकों के शव उनके घर पहुंचाए जाएं।

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कैसे हुआ हादसा?

रविवार सुबह करीब 9 बजे जब सैकड़ों श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर की चढ़ाई कर रहे थे, तभी भीड़ में किसी ने करंट लगने की अफवाह फैला दी। इससे वहां भगदड़ मच गई। लोग घबरा गए और एक-दूसरे पर गिरने लगे। इस अफरातफरी में कई लोग नीचे दब गए। हादसे में एक बच्चे समेत कुल 35 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें आठ की मौत हो चुकी है।

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घायल श्रद्धालुओं का इलाज जारी

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के अनुसार, 35 घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनकी हालत गंभीर है, उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है। घायलों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देने के लिए 108 सेवा की सात और ‘खुशियों की सवारी’ की दो एंबुलेंस तैनात की गई थीं, जिनके जरिए उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।

उत्तराखंड सरकार ने भी किया मुआवजे का ऐलान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हादसे पर दुख जताया और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

श्रद्धालुओं में भय और प्रशासन पर सवाल

इस दर्दनाक घटना के बाद मंदिर मार्ग पर श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल है। प्रशासन की ओर से crowd management की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हादसे की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि भीड़ पर नियंत्रण क्यों नहीं रखा जा सका।

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