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सपा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर करणी सेना का हमला, टायर और पत्थर फेंके, अखिलेश ने उठाये सवाल 

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
 

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सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक का आरोप

दोषियों पर कार्रवाई की मांग

अराजकता के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग

यूपी,भदैनी मिरर। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को उनके काफिले पर तब हमला ो गया जब वह आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। अलीगढ़ के गोभाना टोल प्लाजा के पास करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर टायर और पत्थरों से हमला कर दिया। इस घटना में काफिले की कई गाड़ियों के शीशे टूट गए और भगदड़ में कई गाड़ियाँ आपस में टकरा गईं।

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बताया जा रहा है कि सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले में करीब 25 गाड़ियाँ शामिल थीं। गोभाना टोल पार करते ही अचानक करणी सेना से जुड़े युवकों ने टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। हमले के दौरान भय के माहौल में काफिले की गाड़ियाँ तेज रफ्तार में निकलने लगीं और कुछ गाड़ियों की आपस में टक्कर भी हो गई। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जानमाल की गंभीर हानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती थी।

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"पूरे उत्तर प्रदेश में आज दलितों पर अत्याचार की बाढ़ आई हुई है। सामंती लोगों को लगता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार हमारे मन की सरकार है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।" - राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन जी


 

अराजकता के आगे समर्पण कर दी यूपी सरकार ?

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने अपने एक्स (पहले ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सांसद माननीय रामजी लाल सुमन जी के क़ाफ़िले पर टायर व पत्थर फेंककर, उनके ऊपर जो जानलेवा हमला हुआ है वो उस ऐक्सीडेंट का कारण बना है, जो प्राणांतक दुर्घटना में भी बदल सकता था। ये एक आपराधिक कृत्य है। इतने टायर एक साथ इकट्ठा करना, एक गहरी साज़िश का सबूत ख़ुद है। ये एक बार फिर इंटेलिजेंस की गहरी चूक है या फिर जानबूझकर की गयी अनदेखी है। अगर शासन-प्रशासन ये सब जानते हुए भी अंजान बनने की कोशिश कर रहा है तो वो ये जान ले कि अराजकता किसी को भी नहीं बख्शती है, एक दिन भाजपाई और उनके संगी-साथी भी ऐसे हिंसक तत्वों का शिकार होंगे। देश में एक सांसद के ऊपर हुए जानलेवा हमले का संज्ञान लेना वाला कोई है या फिर ‘पीडीए का सांसद’ होने के कारण वर्चस्ववादियों की सरकार शर्मनाक चुप्पी साधकर भूमिगत हो जाएगी।

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अब क्या बुलडोज़र का दम बेदम हो गया है या उप्र की सरकार ने अराजकता के आगे समर्पण कर दिया है या फिर ये सब उप्र सरकार की रज़ामंदी से हो रहा है? 


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