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कानपुर में चार युवकों की मौत: देवरिया के तव्वकलपुर गांव में कोहराम, सपने और परिवार सब उजड़ गए

बेल्डर का काम करने गए थे चारों युवक; अमित की आज जिम्बाब्वे के लिए फ्लाइट थी, राहुल था परिवार का इकलौता चिराग, दाउद छोड़ गया एक साल की बच्ची

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देवरिया। यूपी के कानपुर स्थित पनकी के आयल सीड्स कंपनी परिसर में बुधवार रात दर्दनाक हादसे में देवरिया के तव्वकलपुर गांव के चार युवकों की मौत हो गई। घटना की खबर गुरुवार सुबह गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। हर घर से चीख-पुकार सुनाई देने लगी। पूरा तव्वकलपुर शोक में डूब गया, कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला।
मृतकों में अमित कुमार बरनवाल, संजू सिंह, दाउद अंसारी और राहुल शामिल हैं। चारों अपने साथियों के साथ कानपुर में बेल्डर का काम करते थे।

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कैसे हुआ हादसा? फाटक तोड़कर कमरे में घुसे साथी

घटना की जानकारी साथी मजदूर नागेंद्र ने दी। उसने बताया कि बुधवार रात सभी साथ में खाना खाकर अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। सुबह जब अमित, संजू, दाउद और राहुल के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो नागेंद्र ने आवाज दी, पर भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
शक होने पर साथियों ने फाटक तोड़कर अंदर प्रवेश किया, तो चारों को मृत अवस्था में पाया। पुलिस का मानना है कि मौत दम घुटने से हुई है।

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अमित की आज जिम्बाब्वे के लिए फ्लाइट थी

गांव के अमित कुमार बरनवाल बेहद होनहार थे। दो महीने पहले कानपुर काम करने गए थे। गुरुवार शाम जिम्बाब्वे के लिए उनकी फ्लाइट थी, जिससे वे बेहद उत्साहित थे। उनके पिता अयोध्या सामान लेकर घर पहुंचे ही थे कि बेटे की मौत की खबर आ गई। पत्नी काजल और मां कुसुमावती बेसुध हो गईं। अमित पीछे एक बेटा आयांश और एक बेटी दिव्यांशा छोड़ गए हैं।

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संजू ने भाई के एक्सीडेंट के बाद हाल ही में घर देखा था

संजू सिंह कुछ महीनों पहले ही अपने घायल भाई सूरज से मिलने गांव आए थे। अभी शादी भी नहीं हुई थी। उनकी मौत की खबर पर मां गुड्डी देवी दहाड़ मारकर रोती रहीं और बेहोश होती रहीं।


दाउद की मौत से रोती रह गई पत्नी और एक साल की बेटी

दाउद अंसारी दो भाइयों में बड़ा था। मौत की खबर मिलते ही पत्नी खुशबुन निशा और मां सहाना गिर-गिर कर रोती रहीं। दाउद की एक साल की बेटी लगातार मां को देख रोती रही, जिसने वहां मौजूद लोगों को भी भावुक कर दिया।


राहुल था घर का इकलौता चिराग, बहनों के सुहाग-राखी के सपने टूटे

राहुल कुमार अपने परिवार का इकलौता बेटा था। मां नर्वदा, बहनें पूजा और रीता बार-बार बेसुध हो रहीं थीं। बहनों का रो-रोकर कहना- “अब हम किसकी कलाई पर राखी बांधेंगे?” यह सुनकर गांव के लोग भी आंखें पोंछते दिखे। राहुल छोटी बहन रीता की धूमधाम से शादी कराने का सपना देख रहा था।

गांव में पसरा मातम, लोग कानपुर के लिए रवाना

चारों युवकों की अचानक मौत ने तव्वकलपुर गांव को शोक में डुबो दिया है। गांव के लोग कानपुर रवाना हो चुके हैं। पोस्टमार्टम के बाद चारों शव गांव पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है।

गांव के बड़े-बुजुर्गों का कहना है-“इतना बड़ा हादसा पहली बार देखा… चार-चार चिराग एक साथ बुझ गए।”

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