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कानपुर साइबर टीम के हत्थे चढ़ा 1.09 करोड़ की साइबर ठगी करने वाला राजेंद्र शर्मा

मास्टरमाइंड अभी पकड़ से दूर, उदयपुर में बनी थी ठगी की योजना

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पीबी सोसाइटी ज्वेलर्स के अकाउंटेंट से हुई थी ठगी, मध्यप्रदेश के रोकड़िया मंदसौर का रहनेवाला है राजेंद्र

ठगों ने हड़पी गई रकम को क्रिप्टो करेंसी और डालर में बदलकर आपस में बांट लिया था 

कानपुर। कानपुर की साइबर टीम ने पीबी सोसाइटी ज्वेलर्स के अकाउंटेंट से 1.09 करोड़ रुपये की ठगी के मामले के आरोपित राजेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। इस जालसाजी का मास्टरमाइंड अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। उसकी सरगर्मी से तलाश हो रही है। जालसाज राजेंद्र ने पीबी सोसाइटी ज्वेलर्स का निदेशक बन अकाउंटेंट को वाट्सएप मैसेज भेजकर ठगी की थी। पता चला कि आरोपी ने कर्ज चुकाने के लिए रिश्तेदार के साथ मिलकर उदयपुर में ठगी की योजना बनाई थी। पकड़ा गया राजेंद्र शर्मा मध्यप्रदेश के रोकड़िया मंदसौर का रहने वाला है। ठगों ने हड़पी गई रकम को क्रिप्टो करेंसी और डालर में बदलकर आपस में बांट लिया था।

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डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि ठगी की यह घटना 10 और 13 अक्टूबर को हुई थी। इसके बाद पीबी सोसाइटी ज्वेलर्स के अकाउंटेंट गजेंद्र सिंह राठौर ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जांच में पता चला कि ठगी की धनराशि मध्यप्रदेश के मंदसौर और अहमदाबाद के खातों में ट्रांसफर की गई है। खातों की जांच में राजेंद्र शर्मा का नाम प्रकाश में आया। राजेंद्र जब पकड़ा गया तो ठगी की पूरी कहानी खुल गई। राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह कीटनाशक की दुकान चलाता है। उसने अपनी बेटी की शादी के लिए कई लोगों से कर्ज लिया था। कर्जदारों ने वसूली के लिए दबाव बनाया तो उसने लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाये।

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सफलता नहीं मिली तो एक रिश्तेदार से उधार मांगने की कोशिश की। इस पर रिश्तेदार ने उसको करेंट अकाउंट खुलवाने की सलाह दी। उसने कहा कि खाते में साइबर फ्राड का पैसा आएगा तो उसे भी हिस्सा मिलेगा। इस काम के लिए उसे उदयपुर जाना पड़ेगा। इसके बाद राजेंद्र उदयपुर गया और वहीं अन्य जालसाजों से मिलकर साइबर ठगी की योजना बनाई। जब खाते में रकम आया तो रिश्तेदार ने ठगी की रकम में उसका हिस्सा छोड़कर बाकी रकम निकाल लिया। पुलिस अब उनके सभी बैंक खातों, ट्रांजेक्शन व अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है। ठगी की राशि की रिकवरी का प्रयास किया जा रहा है।

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