कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को अदालती कार्यों से दूर किया गया, आदेश जारी




दिल्ली,भदैनी मिरर। घर में मिले भारी मात्रा में नोट के विवाद में घिरे दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से अगले आदेश तक सभी न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया है. यह निर्णय चीफ जस्टिस ऑफ़ इण्डिया (CJI) संजीव खन्ना के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट के CJ (चीफ जस्टिस) देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने निर्णय लिया है. रजिस्ट्री की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, 'हाल ही में सामने आए घटनाक्रमों के मद्देनजर, जस्टिस यशवंत वर्मा से तुरंत प्रभाव से न्यायिक कार्य वापस लिए जाते है.

तीन सदस्यीय कमेटी कर रही जाँच
कथित रुप से जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले भारी नोट मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली कमेटी में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस शिवरामन शामिल है.

हाईकोर्ट बार ने खोला था मोर्चा
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को उनके खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट के बाद उनके पैतृक उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थानांतरित करने की सिफारिश पर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने धमकी देते हुए कहा कि यदि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा हाईकोर्ट ज्वाइन करते है तो हम कामकाज ठप्प कर देंगे.


