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जौनपुर : मेडिकल स्टोर संचालक के इंजेक्शन लगाने से आठ साल के बालक की मौत पर बवाल, तोड़फोड़, आगजनी

हैदरपुर गांव के शिव पूजन यादव का बेटा था युग यादव, परिवार में मचा कोहराम

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गुस्साई भीड़ ने दुकान में की तोड़फोड़, आगजनी, कई थानों की फोर्स पहुंची

जौनपुर, भदैनी मिरर। जौनपुर जिले के तेजी बाजार थाना क्षेत्र के हैदरपुर बाजार में गुरुवार की शाम मेडिकल स्टोर संचालक के सुई लगाने के बाद आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई। इस घटना से नाराज परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और मेडिकल स्टोर में तोड़फोड़ की। इस दौरान मेडिकल स्टोर के पीछे खड़ी एक कार और बाइक में भी आग लगाने की कोशिश की। इस मामले को लेकर घंटों हंगामा होता रहा। काफी समझाने और कार्रवाई के आश्वासन के बाद किसी तरह पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी।  

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जानकारी के अनुसार हैदरपुर गांव निवासी शिव पूजन यादव के बेटे युग यादव (8) के पेट में दर्द की शिकायत पर गुरूवार की शाम 6 बजे परिजन हैदरपुर बाजार ले गये। दादा जय प्रकाश यादव ने बताया कि देवी मेडिकल स्टोर के संचालक ने एक नामजद डाक्टर से फोन पर बातचीत के आधार पर युग को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद युग की तबियत बिगड़ गई। इसके बाद परिजन आनन-फानन में उसे लेकर जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल पहुंचे। यहां बच्चे की हालत नाजुक देख चिकित्सक ने उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। परिजन वाराणसी के लिए निकले तभी रास्ते में ही युग ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होते ही परिवार के लोग और ग्रामीणों की भीड़ बाजार में आ गई। लोग शव रखकर बक्शा-तेजीबाजार लोहिंदा मार्ग को जाम कर दिया।

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आक्रोशित ग्रामीण मेडिकल स्टोर में घुस गये और जमकर तोड़फोड़ करते हुए घर में घुस पीछे खड़ी एक कार और दो बाइक में आग लगा दी। भीड़ ने मकान में भी आग लगाने की कोशिश की। परिजन मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्यवाही की मांग को लेकर लोग हंगामा करते रहें। घटना की सूचना पर थाने की पुलिस पहुंची। इसके बाद एएसपी ग्रामीण आतिश सिंह, सीओ सदर परमानंद कुशवाहा, सीओ सदर देवेश सिंह सहित बदलापुर, बक्शा, महराजगंज, सिकरारा व तेजीबाजार थानां की फोर्स भी पहुंच गई। फायर ब्रिगेड को भी बुला लिया गया। मौके पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी समर्थकों के साथ पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाया-बुझाया। इसके बाद पुलिस करीब साढ़े सात बजे शव को कब्जे में ले सकी। हालांकि घटना के बाद लोगां को आक्रोश को देखते हुए मेडिकल स्टोर संचालक भाग गया था। नही तो यदि वह सामने दिख जाता तो स्थित और गंभीर हो जाती।  

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