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ऐसी औलाद से तो बेऔलाद भला, एकलौता बेटा बना नरपिशाच, मां-बाप के शवों के छह टुकड़े कर नदी में फेंक आया

जौनपुर के जफराबाद क्षेत्र के अहमदपुर गांव के रिटायर्ड लोको पायलट श्यामलाल और पत्नी बबिता बेरहमी से हत्या की कहानी

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माता को आरी से काटते देख चीखते रहे पिता तो गला कसकर उन्हें भी मार डाला

जौनपुर। जौनपुर जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव के रिटायर्ड लोको पायलट श्यामलाल (62) और बबिता (60) की उनके ही एकलौते बेटे द्वारा जिस बेरहमी और निर्ममता से हत्या की गई उससे तो यही कहना अच्छा है कि ऐसी औलाद से तो बेऔलाद अच्छा। भगवान न करे कि किसी के घर ऐसी औलाद जन्म ले। इसने तो जल्लदों को भी पीछे छोड़ दिया। इस नरपिशाचल बेटे अम्बेश से वारदात की जुबानी सुनकर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी दंग रहे गये। यदि आप भी उसके कबूलनामे को सुनेंगे तो आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे और ऐसी औलाद को देखना तो दूर उसका नाम लेना भी पसंद नही करेंगे। 

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आपको बता दें कि आठ दिसम्बर की रात अम्बेश कुमार (37) ने माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर उनके शवों को नदी में फेंक आया था। उसकी बहन की शादी वाराणसी में हुई है और वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसने कोलकाता की युवती से लव मैरेज कर लिया था। माता-पिता उस युवती को पसंद नही कर रहे थे और उसे घर लाने को राजी नही थे। हालांकि उस युवती से अब तलाक की भी नौबत आ गई थी। अम्बेश की लव मैरेज से माता-पिता नाराज रहते थे। इससे अम्बेश भी माता-पिता को रास्ते से हटाकर अपनी आराम की जिंदगी जीने के सपने देखने लगा। घर में माता-पिता की हत्या के बाद उनके शवों के कई टुकड़े किये और उन्हें बोरियों में भरकर कार से ले जाकर गोमती नदी में फेंक आया था।

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इधर, वाराणसी में रह रही बेटी ने माता-पिता से बात करने के लिए फोन मिलाया तो उनके मोबाइल स्विच आफ बता रहे थे। इससे परेशान बेटी ने भाई अम्बेश से पूछा तो वह उन्हें खोजने की बात कहकर निकला और खुद लापता हो गया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी अम्बेश कुमार ने बताया कि उसने लोहे की आरी से माता-पिता को काटा। काटते समय दोनों काफी चीख रहे थे। लेकिन उसे जरा भी दया नही आई। उसी ने बताया कि जब वह मां बबिता को आरी से काट रहा था तो यह देख उसके पिता चीख रहे थे। उनकी आवाज बाहर न जाय इसलिए उसने रस्सी से उनका भी गला बांध दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। 

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इस पर पिता के गले को रस्सी से बांध दिया। इससे उनकी सांसें थम गई थीं। फिर शवों के टुकड़ों को प्लास्टिक की छह बोरियों में भर कर सई और गोमती नदी में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। क्रूरतापूर्ण तरीके से की गई माता-पिता की हत्या की इस घटना से लोग सिहर उठे हैं।एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी अम्बेश कुमार पहले मां बबिता फिर रेलवे के सेवानिवृत्त लोको पायलट पिता श्यामलाल पर वार किया। इसी तरह पहले मां के शरीर को तीन भागों में काटा और उसके बाद पिता के शव को। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घर के अंदर से सिलबट्टा और शवों को काटने में प्रयुक्त आरी बरामद की गई है। आरोपी ने बताया कि उसने सिलबट्टा रसोई घर और आरी मकान के बेसमेंट में चल रहे कार्य स्थल से लाया था।

उसने बताया कि 8 दिसंबर की रात आठ बजे रुपयों को लेकर पिता से हाथापाई हुई थी। इससे वह आग बबूला हो गया था। इसके बाद पहले माता और फिर पिता के सिर पर सिलबट्टे से वार किया। दोनों जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद घर के बेसमेंट से आरी लाकर माता-पिता के शरीर को तीन-तीन हिस्सों में काट डाला। इस नरपिशाच ने बताया कि उसने एक हिस्सा सिर से लेकर सीने तक, दूसरा हिस्सा सीने से लेकर घुटने तक और तीसरा हिस्सा घुटने से लेकर पैर तक काटा। ताकि शवों को असानी से बोरियों में भरा जा सके। इसके बाद अम्बेश ने शवों के टुकड़ों को छह बोरियों में भरा और उसे कार की डिक्की में रखा। साक्ष्य मिटाने के लिए उसने रात में ही घर में फैले खून की सफाई की। कपड़ों को पानी से धोया। भोर में चार से पांच बजे के बीच कार से शवों को लेकर निकला। घर से आठ किलोमीटर दूर गोमती नदी के बेलाव घाट पर पिता के शव के टुकड़ों से भरी बोरियों को फेंका। फिर मां के शव के टुकड़ों को जलालपुर में सई नदी में फेंक दिया। जांच के दौरान यहीं से पुलिस को मां के कटे पैर पानी में उतराये मिले थे। 

एएसपी सिटी ने बताया आरोपी ने लॉकडाउन के दौरान कोलकाता निवासी मुस्लिम युवती सहजिया से प्रेम विवाह किया था। सहजिया कोलकाता में ब्यूटी पार्लर चलाती है। परिवार के लोग सहजिया को बहू के रूप में स्वीकार नहीं कर रहे थे। वह अम्बेश पर तलाक देने का दबाव बना रहे थे। तलाक के लिए अम्बेश रुपयों की मांग कर रहा था और पिता रुपये देने के लिए तैयार नहीं थे। इसे लेकर अम्बेश का माता और पिता से विवाद होता था। घटना से पहले अम्बेश की पिता से मारपीट हो गई थी।

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