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संत प्रेमानंद से प्रभावित होकर रामनगरी अयोध्या में दो मुस्लिम युवकों ने की घर वापसी, अपनाया हिंदू धर्म

प्रधानाचार्य और मौलाना रह चुके अरशद सिद्दीकी ने अपना नाम रखा राकेश मौर्य, मोनू बने मनीष

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सम्पर्ण समाधान दिवस पर पहुंचे और डीएम को दिया आवेदन

अयोध्या। रामनगरी आयोध्या में दो मुस्लिम युवकों ने सनातन धर्म हिंदू समाज में घर वापसी कर ली। इन्होंने भरतकुंड मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ हिंदू धर्म अपनाया। इन दोनों युवाओं में मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी के पुत्र अरशद सिद्दीकी है। अरशद पहले फैज-ए-आम स्कूल के प्रधानाचार्य और मौलाना रह चुके हैं। अब अरशद ने आज से अपना नाम बदलकर राकेश मौर्य रख लिया है।

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जबकि दूसरे युवक सोहावल के गौहनिया, मानापुर के रहनेवाले मोनू ने हिंदू धर्म अपनाते हुए अपना नया नाम मनीष रख लिया है। दोनों युवकों ने कहाकि वह अब अपने परिवार से कोई नाता नहीं रखेंगे। पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ हिंदू धर्म की परंपराओं का अनुपालन करेंगे। इन युवाओं का कहना है कि संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन ने उन्हें काफी प्रभावित किया। इससे प्रेरित होकर उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया। 

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शनिवार को दोनों युवक संपूर्ण समाधान दिवस पर सदर तहसील पहुंचे। उनके साथ भरत हनुमान मिलन मंदिर के महंत परमात्मा दास और बजरंग दल के जिला मंत्री लालजी शर्मा रहे। युवाओं ने डीएम निखिल टीकाराम फुंडे को आवेदन दिया। आवेदन में कहा गया कि संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों और आशीर्वचन से प्रभावित होकर उन्हें मानसिक शांति प्राप्त हुई। इसी प्रेरणा से उन्होंने सनातन धर्म को अपनाने का निर्णय लिया। भरत हनुमान मिलन मंदिर ने इन दोनों की घर वापसी की पूरी जिम्मेदारी लेने का एलान किया है। 

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