
यूपी के 2.5 लाख घरों में बायोगैस यूनिटें लगाएगी योगी सरकार, पहले चरण में अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और गोंडा से होगी शुरुआत




लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल कर रही है। राज्य सरकार अगले चार वर्षों में 2.5 लाख घरों में घरेलू बायोगैस यूनिट स्थापित करेगी। इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत पहले चरण में अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और गोंडा से की जा रही है, जहां कुल 2,250 यूनिटें लगाई जाएंगी।
यह योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्राम ऊर्जा मॉडल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और गांवों में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
किसानों को मिलेगा लाभ, सरकार देगी 90% सब्सिडी
हर बायोगैस यूनिट की लागत करीब 39,300 रुपये है, लेकिन किसानों को केवल 10% यानी 3,990 रुपये ही देने होंगे। शेष राशि सरकारी सहायता और कार्बन क्रेडिट मॉडल से पूरी की जाएगी। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है।


70% तक घटेगी LPG की खपत
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि इस योजना से LPG की खपत में लगभग 70% तक कमी आएगी, जिससे ग्रामीणों की रसोई का खर्च घटेगा। साथ ही पर्यावरण को भी राहत मिलेगी।
जैविक खाद का होगा निर्माण, खेती को मिलेगा लाभ
ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार, बायोगैस यूनिट से सिर्फ गैस ही नहीं, बल्कि जैविक खाद भी तैयार होगी जो खेतों में रासायनिक उर्वरकों का विकल्प बनेगी। इससे किसानों को खाद की लागत में भी राहत मिलेगी।


गांवों में स्वरोजगार और पशुशालाओं को बढ़ावा
मनरेगा के तहत 43 गोशालाओं में भी बायोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे, जहां से हर महीने करीब 50 क्विंटल स्लरी तैयार होगी। यह खाद आस-पास के किसान खरीद सकेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।

