Movie prime
Ad

एक सदस्य पर एफआईआर और पूरे परिवार को परेशान करने पर हाईकोर्ट गंभीर

आजमगढ़ कोतवाली के आरोपित फैसल की मां और भाई को मिली राहत

Ad

 
haicourt
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad
पुलिस की लगातार दबिश से परेशान होकर पीड़ितों ने लगाई थी हाईकोर्ट से गुहार

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के अपहरण में परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ एफआईआर होने पर पूरे परिवार को परेशान करने को गंभीरता से लिया है। अदालत ने आजमगढ़ कोतवाली के मामले में आरोपित फैसल की मां इशरत जहां व भाई सलीम अहमद को राहत दी है। अदालत ने याचिका निस्तारित करते हुए कोतवाली पुलिस को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35 का अनुपालन करते हुए उचित विवेचना करने और याचियों को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा एवं न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने याचियों के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह को सुनने के बाद दिया।

Ad

हाईकोर्ट ने कहा कि अपहरण में किसी नाबालिग की संलिप्तता की जांच होनी चाहिए। बीएनएसएस की धारा 35 (3) में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को उन सभी मामलों में नोटिस जारी करना चाहिए जहां धारा 35 (1) के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है। जांच की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। इसलिए कि याचियों को नाबालिग लड़की के अपहरण में सीधे शामिल होने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया है।

Ad
Ad

मामला यह था कि आजमगढ़ की इशरत जहां के बेटे फैसल के खिलाफ आजमगढ़ के कोतवाली थाना में बीएनएस की धारा 87, 137 (2), 351(3) के तहत एफआईआर दर्ज हुई। कोतवाली पुलिस एफआईआर बाद इशरत जहां, उसके बेटे सलीम अहमद और पिता आफताब को परेशान करने लगी। पुलिस की इस उत्पीड़नात्मक कार्यवाही के विरुद्ध इशरत और उसके बेटे सलीम अहमद ने यह याचिका दाखिल की थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावलियों के अवलोकन के बाद फैसला सुनाया।
 

Ad
Ad

Ad