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यहां तो पुलिसवाले मंदिर के पुजारी से ही वसूल रहे थे रंगदारी

थानेदार से लगायत सिपाही ने वसूले पुजारी से पैसे 

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पैसे न देने पर धमकियां और दबिश दी जाती थीं

शराब और एसी के लिए आनलाईन ली गई रंगदारी की रकम

मुजफ्फरनगर। यूपी की योगी सरकार की पुलिस के आयेदिन नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं। अब मुजफ्फर नगर से एक ऐसी खबर आ रही है जिसे सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। एक ओर सनातन, हिंदू, मंदिर के सहारे लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं। पीएम से लेकर सीएम और मंत्री तक देश के मंदिरों में हाजिरी लगाकर अपने को धन्य समझ रहे हैं, वहीं यहां के शिव मंदिर के पुजारी से पुलिसवाले रंगदारी वसूल रहे थे। न देने पर धमकियां, दबिश दी जाती थी। पुलिसवालों की गुंडई से आजिज आकर आखिरकार पुजारी ने मंदिर में ताला बंद कर दिया। नाथ सम्प्रदाय के संतों और ग्रामीणों को जब जानकारी हुई तो लोग धरने पर बैठे। 

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थाना प्रभारी से मिलने गये तो मांगे डेढ़ लाख

पुलिसिया भ्रष्टाचार की यह घटना मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर क्षेत्र के हरसोली गांव स्थित शिव मंदिर की है। यहां के पुजारी महंत सुखराम महाराज से स्थानीय पुलिसकर्मी मंदिर को दान में मिले पैसों की वसूली कर रहे थे। महंत सुखराम महाराज ने मीडिया को बताया कि एक मामले को लेकर गांव के एक पूर्व प्रधान के कहने पर वे थाना शाहपुर के प्रभारी से मिलने गए थे। उनका आरोप है कि उनसे 1.5 लाख रूपये की मांग की गई। पुलिस के डर से मंदिर के महंत ने थाना प्रभारी को 31,000 रूपये दे दिए। 

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फिर चौकी प्रभारी से वसूले 20 हजार

इसके बाद चौकी प्रभारी ने भी चौकी के जीर्णोद्धार के नाम पर 20,000 की मांग की। वसूली का सिलसिला यही नही रूका। अब पुलिसवाले भी सक्रिय हो गये। पुजारी का कहना है कि एक पुलिसकर्मी ने मंदिर के दान से 25,000 की वसूली कर अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाया। फिर उसी रूपये से एसी खरीदा। पुजारी ने बताया कि मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे में इन सब घटनाओं की रिकॉर्डिंग थी। लेकिन पुलिसकर्मी कैमरों का डीवीआर ही उठा ले गये। उसे वापस नही किया गया है। बात यही तक खत्म नही होती, एक पुलिसकर्मी रोज मंदिर से दान के पैसे से शराब मंगवाता था। वह पुजारी के खाते से सीधे शराब ठेके के सेल्समैन के खाते में पैसे ट्रांसफर करवाता था। जब इस घटना की जानकारी नाथ संप्रदाय के संतों को हुई तो वे आक्रोशित हो गये। 

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ग्रामीणों ने भी खोल दिया पुलिस के खिलाफ मोर्चा

इसके बाद लोग कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों को पुलिसकर्मियों के इस घृणित करतूत का पता चला तो वह भी आक्रोशित हो गये और धरने पर संतों का समर्थन करते हुए पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अब इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा तो सीओ बुढ़ाना को जांच सौंपी गई। वैसे इस सरकार में पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगते रहते हैं। वाराणसी के भेलूपुर थाना के थाना प्रभारी समेत कई दरोगा और सिपाहियों पर डकैती में शामिल होने का आरोप है। एक दरोगा लूट के आरोप में पकड़ा गया और कई दरोगा रंगेहाथ घूस लेते पकड़े गये। इन्हें और किसी ने नही एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा। मुजफ्फरनगर की घटना बताती है कि पुलिसकर्मी बेलगाम हो गये हैं। हालांकि इतने गंभीर मामले में पता चला कि शिकायत के बाद चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर, एक सिपाही सस्पेंड किया गया। शिकायत की शुरूआत थानेदार के घूस या रंगदारी मांगने से शुरू हुई। 
 

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