पूर्वांचल में कारोबार को मिली रफ्तार, GST संग्रह में 403.99 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी



वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में पूर्वांचल में तेजी से बदल रही कारोबारी फिजा अब आंकड़ों में भी झलकने लगी है। पूर्वांचल के 10 जिलों में वर्ष 2024-25 के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार 403.99 करोड़ रुपये अधिक जीएसटी संग्रह हुआ है, जो बीते वर्ष की तुलना में 9.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

प्रदेश में बीते वर्षों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने और निवेश को आकर्षित करने के लिए किए गए प्रयासों का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, जीबीसी और इन्वेस्ट यूपी जैसी पहलों ने उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है, जिसका लाभ कारोबारी और उद्यमी उठा रहे हैं।

पूर्वांचल के 10 जिलों में जीएसटी संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि
वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, बलिया, मीरजापुर, सोनभद्र और भदोही — इन दस जिलों में 2024-25 में कुल 4694.74 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ है, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 4290.75 करोड़ रुपये था। इससे पहले 2022-23 में 3749.92 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया गया था।

काशी में पर्यटकों और उद्योगों की बढ़ती भूमिका
वाराणसी के अपर आयुक्त (राज्य कर) मिथिलेश कुमार शुक्ल ने बताया कि काशी क्षेत्र में पर्यटकों की बढ़ती संख्या, नए उद्योगों की स्थापना और व्यापार के अनुकूल माहौल ने राजस्व वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में निवेश की नई संभावनाएं खुली हैं। कानून व्यवस्था सुदृढ़ होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और इसका सीधा असर राजस्व संग्रह पर पड़ा है।"
तीन वर्षों में राजस्व की तस्वीर
वित्त वर्ष जीएसटी संग्रह (करोड़ रुपये)
2024-25 4694.74
2023-24 4290.75
2022-23 3749.92
आर्थिक प्रगति का संकेत
पूर्वांचल में उद्योगों, पर्यटन और कारोबार के बढ़ते अवसरों ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि यह क्षेत्र अब राज्य की आर्थिक रीढ़ बनने की दिशा में अग्रसर है।

