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गोरखपुर : छोटी सी बात पर एक झटके में तबाह हो गया पूरा परिवार 

मां-बहन के साथ दवा लेने निकला था मोहित, पैसे के विवाद पर मां ने डांट दिया था

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डांट से क्षुब्ध बेटा घर लौटा और लगा ली फांसी, बेटे की लाश देख मां और बहन ने जहर खाकर दे दी जान

परिवार में अब बच गये सिर्फ बूढ़े दादा, प्रधान की सूचना पर पहुंची पुलिस

वाराणसी, भदैनी मिरर। यूपी के गोरखपुर में बुधवार को छोटी सी बात को लेकर बेटे की नाराजगी और उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों के उठाये गये विवेकहीन कदम ने कुछ ही देर में पूरे परिवार को ही तबाह कर दिया। दवा के पैसे को लेकर मां से हुए विवाद के बाद नाराज 18 वर्षीय बेटे मोहित कन्नौजिया ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जब मां और बेटी ने परिवार के इकलौते बेटे की लाश देखी तो उन्हें भी गहरा सदमा लगा और इन दोनों ने भी जहर खा लिया। घर में बचे दादा की सूचना पर पहुंचे आसपास के लोग पहुंचे और आनन-फानन में दोनों मां-बेटी को अस्पताल ले गये। यहां बेटी सुप्रिया और मां कौशल्या की भी मौत हो गई। पिता अंगद कन्नौजिया की दस साल पहले ही मौत हो चुकी है। अब इस परिवार में एकमात्र बूढ़े दादा हरिलाल ही बचे हैं। इस घटना से कूचडेहरि के लोग हैरान और विचलित हैं।

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दस साल पहले पिता का हो चुका है निधन, कम उम्र में कमाने चला गया था मुम्बई
   
कूचडेहरि के मोहित के पिता अंगद कन्नौजिया की साल पहले मौत हो चुकी है। पिता की मौत से परिवार पर विपत्ति को बोझ टूट पड़ा। परिवार की जिम्मेदारियों ने महज 18 वर्ष की कम उम्र में ही मोहित को मजदूर बना दिया। मोहित कन्नौजिया अपने बड़े पिता और चाचा के साथ मुम्बई कमाने चला गया। इधर, गांव पर उसकी मां कौशिल्या देवी, बहन सुप्रिया और बाबा हरिलाल रहते थे। अभी एक सप्ताह पहले मोहित घर आया था। बुधवार की सुबह मोहित मां कौशल्या और बहन सुप्रिया के साथ हरपुर चौराहे पर दवा लेने निकला। बताया जाता है कि रास्ते में रुपये को लेकर मोहित और उसकी मां से कहासुनी हो गई। इस पर मां ने मोहित को डांट दिया।

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मोहित ने किया मां को फोन, बताया फांसी पर लटकने जा रहा है

इसके बाद नाराज होकर मोहित घर लौट गया। मां और बहन दवा लेने चली गईं। इसी दौरान मोहित ने मां को फोन किया। बताया कि वह फांसी फंदे से लटकने जा रहा है। इतना सुनते ही मां और बहन भागते हुए घर पहुंचे। देखा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। शोर मचाने पर आसपास के लोग पहुंच गए। काफी आवाज लगाने पर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नही हुई तो लोगों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर जाकर देखा तो मोहित की लाश फांसी के फंदे पर लटक रही थी। यह देख कोहराम मच गया। इकलौते बेटे की मौत के सदमें को मां कौशिल्या देवी सहन नही कर पाई। इसके बाद मां ने घर में रखा जहरीला पदार्थ खा लिया। उधर, भाई की मौत पर बिलख रही बहन सुप्रिया ने जब मां को जहर खाते देखा तो उसने भी जहरीला पदार्थ खा लिया। थोड़ी ही देर में दोनों के मुंह से झांग निकलता देख गांव वालों ने ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी। 

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अस्पताल में हुई मां की मौत

प्रधान की सूचना पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस से पहले मां-बेटी को जिला अस्पताल भिजवाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने दोनों को मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। यहां पहुंचने के बाद सुप्रिया की मौत हो गई। कौशिल्या की हालत गंभीर बनी हुई थी। देर रात उपचार के दौरान कौशल्या की भी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी होने के बाद मोहित के बड़े पिता गंगा सागर और चाचा रवि कन्नौजिया सपरिवार मुंबई से घर के लिए रवाना हो गये। इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को हिलाकर रख दिया है। लोगों का कहना था कि परिवार में मां और पिता बच्चों को डांटते रहते हैं, लेकिन आजकल के बच्चे उनकी ममता नही समझ रहे हैं। यदि बेटा मां की डांट बर्दाश्त कर लेता तो शायद इतनी बड़ी घटना न होती और परिवार उजड़ने से बच गया होता।
 

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