मदरसे में छात्रा के एडमिशन के लिए फरमान, बच्ची का वर्जिनिटी टेस्ट कराओ!
13 वर्षीया छात्रा परिवारवालों ने एसएसपी मुरादाबाद से की शिकायत, कार्रवाई की मांग

पिता ने कहा-मदरसा प्रबंधन ने बेटी और परिवार का चरित्र किया है हनन
मुरादाबाद। जामिया असानुल बनात गर्ल्स कॉलेज (मदरसा) से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 13 वर्षीया छात्रा से अगली कक्षा में प्रवेश के लिए वर्जिनिटी टेस्ट की मांग की गई है। इस मदरसे के इस तुगलकी फरमान परिजन स्तब्ध हैं। उन्होंने मदरसा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसएसपी मुरादाबाद को तहरीर देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।



पीड़ित परिवार ने बताया कि उनकी बच्ची सातवीं कक्षा की छात्रा है। परिजन उसे दोबारा मदरसे में दाखिला दिलाने पहुंचे तो प्रबंधन ने कहा कि पहले बच्ची का मेडिकल (वर्जिनिटी) टेस्ट कराइए। इसके बाद ही उसे अगली कक्षा में प्रवेश मिलेगा। कक्षा में प्रवेश के लिए इस तरह की अमानवीय सोच का कोई मतलब नही था। प्रबंधन की यह बात सुनकर परिवार के लोग दंग रह गए। उन्होंने प्रबंधन का कड़ा विरोध किया, लेकिन शर्मीदंगी महसूस करने के वजाय मदरसा प्रबंधन ने अभद्रता की और उन्हें परिसर से बाहर निकाल दिया।

छात्रा के पिता मोहम्मद यूसुफ चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने 14 अक्टूबर को एसएसपी मुरादाबाद को शिकायत पत्र सौंपा। पिता ने कहाकि मदरसा प्रबंधन ने उनकी बेटी और परिवार का चरित्र हनन किया है। बच्ची मासूम है और इस तरह की मांग से उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। परिवार को भी मानसिक आघात पहुंचाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मदरसे ने 8वीं कक्षा में प्रवेश के लिए टीसी फॉर्मेट भी दिया था। उसमें साफ तौर पर मेडिकल टेस्ट करवाने की शर्त दर्ज थी।

पिता ने शिकायती पत्र के साथ वह दस्तावेज भी पुलिस को सौंप दिया है। पिता का कहना है कि यह मांग नैतिक रूप से गलत और गैर-कानूनी है। किसी भी शैक्षणिक संस्थान को छात्रा की मर्यादा पर सवाल उठाने का अधिकार नही है। इसलिए मदरसा प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाय। क्योंकि ऐसे फरमान समाज में बेटियों के प्रति गंदी सोच को बढ़ाते हैं। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि परिजनों द्वारा दी गई शिकायत पर गंभीरता से जांच की जा रही है। कानून के जानकारों की मानें तो किसी नाबालिग बच्ची से वर्जिनिटी टेस्ट की मांग करना भारतीय दंड संहिता की धारा 73 और पॉक्सो एक्ट के तहत गंभीर अपराध है।

