पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी निरस्त, अभियोजन अधिकारी ने किया विरोध
चौक थाने में दर्ज मुकदमे के मामले में दाखिल की गई थी जमानत अर्जी
अभियोजन अधिकारी ने कहा-अमिताभ ठाकुर प्रभावशाली व्यक्ति है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं
वाराणसी, भदैनी मिरर। चौक थाने में दर्ज मुकदमे में आरोपित पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर को न्यायालय से राहत नहीं मिल सकी। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार की अदालत ने अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। अमिताभ ठाकुर की ओर से शनिवार को इस अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अभियोजन अधिकारी मधुसूदन तिवारी ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों की सूची पुलिस से मंगाए जाने की अपील की थी। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए आपराधिक मुकदमों की सूची प्रस्तुत करने का चौक पुलिस को आदेश दिया था।



सोमवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियोजन अधिकारी मधुसूदन तिवारी ने दलील दी कि आरोपित अमिताभ ठाकुर का गंभीर आपराधिक इतिहास है एवं उनके विरुद्ध विभिन्न थानों में दस गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। ऐसी दशा में आरोपित को जमानत दिया जाना उचित नहीं है। वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। अभियोजन अधिकारी ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ दर्ज दस आपराधिक मुकदमों की फेहरिस्त अदालत के समक्ष प्रस्तुत की। अभियोजन अधिकारी पूर्व में भी पुलिस प्रशासन की ओर से कई चर्चित मामलों में अदालत में पक्ष रख चुके हैं। जबकि बचाव पक्ष के वकील अनुज यादव ने जमानत अर्जी को मंजूर करने की मांग करते हुए दलील दी कि राजनैतिक विद्वेष की भावना से अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मुकदमे मनगढ़ंत और फर्जी तथ्यों के आधार पर दर्ज कराए गए हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि आरोपित द्वारा कारित अपराध समाज में शांति भंग व वैमनस्यता उत्पन्न करने, लोक न्याय के विरुद्ध अपराध से संबंधित है। अपराध की गंभीरता, तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए अमिताभ ठाकुर की जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है। इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने योग्य है।

देवरिया कोर्ट में कल होनी है जमानत की सुनवाई
गौरतलब है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट आवंटन से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामले में अग्रिम जमानत के लिए शनिवार को देवरिया जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल की है। जिला जज की अदालत में इस पर 23 दिसंबर को सुनवाई होगी। इस मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर फिलहाल देवरिया जिला कारागार में बंद हैं।

मामला लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विराम खंड निवासी अमिताभ ठाकुर से संबंधित है। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 1999 में देवरिया में पुलिस अधीक्षक रहते हुए अपनी पत्नी के नाम से औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लाट खरीदा था। प्लाट आवंटन के दौरान पत्नी नूतन ठाकुर का नाम ’नूतन देवी’ और पति का नाम ’अभिजात’ अंकित कराया गया था, जबकि उनका वास्तविक नाम अमिताभ ठाकुर है। इसी को लेकर फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी का आरोप सामने आया है। इस संबंध में सितंबर 2025 में लखनऊ के तालकटोरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। जांच के दौरान देवरिया सदर कोतवाली में भी इस मामले में एक और केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 10 दिसंबर को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
