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बुलंदशहर स्याना हिंसा केस में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 32 दोषियों को मिली जमानत

2018 में गोवंश अवशेषों की अफवाह के बाद भड़की थी हिंसा, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक छात्र सुमित की हुई थी मौत; अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 32 अभियुक्तों को दी राहत

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बुलंदशहर |  उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के चर्चित स्याना हिंसा कांड में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। वर्ष 2018 में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक छात्र सुमित की मौत हो गई थी। इस मामले में दोषी ठहराए गए 32 अभियुक्तों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है, जिससे यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

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गौरतलब है कि एक अगस्त 2024 को बुलंदशहर की विशेष अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में 33 अभियुक्तों को सात-सात साल की सजा और पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने सभी आरोपियों को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया था।

इसके बाद दोषी ठहराए गए कुल 38 अभियुक्तों ने निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने 32 अभियुक्तों की जमानत मंजूर कर ली, जबकि एक अभियुक्त योगेश राज पहले से ही जमानत पर बाहर है। बताया गया कि योगेश राज की जमानत आदेश के आधार पर ही अन्य अभियुक्तों को भी राहत मिली है।

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बता दें कि 3 दिसंबर 2018 को चिंगरावठी गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी। वहीं, गांव के छात्र सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।

हिंसा के बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना रहा। पुलिस ने दर्जनों लोगों को आरोपी बनाकर मुकदमा चलाया था। अब हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में एक नया मोड़ आ गया है, जिससे कानूनी बहस और तेज हो सकती है।

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