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बरेली बवाल : मौलाना तौकीर रजा भेजे गये फतेहगढ़ सेंट्रल जेल, 55 काल कर बुलाये गये थे 1600 लोग

नदीम और अनीस की सरगर्मी से तलाश, यही कर रहे थे भीड़ की अगुआई

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पुलिस ने कहा-अचानक नही हुआ बवाल, बाकायदा रची गई थी साजिश

बरेली। बरेली शहर में ‘आई लव मोहम्मद‘ जुलूस के मामले में ज्ञापन देने की कहानी के बीच बवाल के मामले में मौलाना और उनके लोगों की भूमिका की जांच में परत दर परत खुलती जा रही है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल, लाठीचार्ज, भगदड़ का माहौल अचानक बनी बिगड़ा। मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने इसके लिए साजिश रची थी। जांच में सामने आया कि नदीम ने 55 लोगों को व्हाट्सएप कॉल की थी। इन लोगों के जरिए शहर में आशांति के लिए 1600 लोग जुटाए गए थे। इन सभी लोगों से से कहा गया था कि सीएए-एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन की तरह ही नाबालिगों को आगे रखना है। इसके बाद इन्हीं लोगों ने खलील स्कूल तिराहे के पास और श्यामगंज में बवाल किया।

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आपको बता दें कि बवाल में शामिल तीन हजार अज्ञात आरोपितों को वीडियो फुटेज के जरिये चिह्नित किया जा रहा है। अबतक गिरफ्तार सभी आठ आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इसके साथ ही मौलाना तौकीर को फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल और अन्य आरोपियों को बरेली सेंट्रल जेल भेजा गया है। आई लव मोहम्मद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाले इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां समेत आठ आरोपियों को पुलिस ने शनिवार तड़के गिरफ्तार कर लिया था। एहतियातन जिले में 29 सितंबर की रात 12.30 बजे तक के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है। यह भी बता दें कि शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

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बरेली में बवाल को लेकर जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, नये-नये खुलासे हो रहे हैं। पता चला कि पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने 55 लोगों को व्हाट्सएप कॉल कर 1600 उपद्रवी बुलाए थे। मौलाना की ज्ञापन देने की नहीं अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी थी। माहौल बिगाड़ने में आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष की अहम भूमिका रही। पुलिस को यह जानकारी गिरफ्तार आठ आरोपितों से पूछताछ में मिली। पुलिस के मुताबिक मौलाना तौकीर की मंशा ज्ञापन देने की नहीं, बल्कि इस्लामिया मैदान पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर शक्ति प्रदर्शन करने की थी। लेकिन इसमें कामयाबी नही मिल सकी। गुरूवार की रात में ही नफीस और लियाकत के साथ नदीम ने पुलिस को पत्र दिया कि मौलाना तौकीर शुक्रवार को प्रदर्शन नहीं करेंगे। कहा कि वह सुबह तक घूम-घूम कर आईएमसी समर्थकों को बताएंगे कि इस्लामिया मैदान में कोई प्रदर्शन नहीं होगा। सभी शांतिपूर्ण ढंग से अपने घर के पास की मस्जिद में नमाज पढ़ें।

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इसके बाद रात दो बजे उसने आईएमसी के व्हाट्सएप ग्रुप में पुलिस को दिया हुआ पत्र पोस्ट कर लिखा कि यह फर्जी है। यह पोस्ट करने के बाद उसने फोन बंद किया और लापता हो गया। फिर नदीम अचानक शुक्रवार की दोपहर सक्रिय हो गया। उसने अपने फोन से 55 लोगों को कॉल कर आईएमसी के प्रभाव वाले स्थानों पर लोगों को जुटाने के लिए कहा। नदीम ने अपने साथियों के साथ पुलिस और जनता को गुमराह किया। हालांकि घटना के बाद से ही नदीम फरार है और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि जिस इस्लामिया मैदान में सभा और प्रदर्शन की घोषणा की गई थी उसके लिए मौलाना तौकीर रजा या आईएमसी की ओर से स्कूल प्रबंधन से अनुमति नहीं मांगी गई थी। स्कूल के प्रधानाचार्य तौकीर सिद्दीकी ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चक महमूद निवासी अनीस सकलैनी और नदीम अराजक भीड़ की अगुआई कर रहे थे। यह दोनों भीड़ को इस्लामिया मैदान की तरफ जाने के लिए उकसा रहे थे। यह भी पता चला कि इन दोनों को फोन पर कोई निर्देश दे रहा था। इसके बाद ही नारेबाजी के बाद पथराव होने लगा। 

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