
प्रेमिका से निकाह करने के लिए बन गया फर्जी इंस्पेक्टर, बारादरी पुलिस ने किया गिरफ्तार
निकाह भी हो गई, मोहल्ले में कराया सम्मान, चैनलों को इंटरव्यू भी दिया




इंस्पेक्टर जान प्रेमिका के परिजन हो गये निकाह को राजी, शादी के बाद पत्नी ने ही खोल दी पोल
वर्दी, स्टार, पुलिस लोगो, फर्जी आधार कार्ड, आईडी कार्ड बरामद
बरेली। यूपी के बरेली जिले की बारादरी पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर बनकर निकाह करने और दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में शहजाद अहमद को गिरफ्तार किया है। वह बरेली के हाफिजगंज का निवासी है। पुलिस ने उसके पास से दो खाकी वर्दी, छह स्टार, एक सीटी डोरी, पुलिस का बाजू लोगो, ईएमई बैज, पी कैप, बेल्ट, दो आधार कार्ड, दो फर्जी आईडी कार्ड बरामद किया है। इनमें एक आईडी कार्ड पर शहजाद अहमद पद इंस्पेक्टर लिखा हुआ है।


बारादरी पुलिस ने बताया कि तीन जून को हाफिजगंज के सरताज की बेटी इकरा ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया। बताया कि शहजाद ने अपने को इंस्पेक्टर बताकर झांसे में ले लिया और दिसम्बर 2024 में निकाह कर ली। जब वह ससुराल गई तो पहले तो कुछ संदेह नही हुआ। बाद में शहजाद की हरकतों और परिवारवालों के व्यवहार से शक होने लगा। इसी दौरान शहजाद और उसकी मां मुझे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। उसने इसकी सूचना अपने भाई को दी। इकारा ने बताया कि शहजाद अपने को इंस्पेक्टर बताता रहा। घर में वर्दी वगैरह सब रखा है लेकिन ड्यूटी पर नही जाता, घर से लेकर कस्बे की दुकान तक घूमता रहता था। पुलिस ने जांच की तो इकरा के आरोप सही पाये गये। सोशल मीडिया, इंटरनेट की जांच में भी उसके फर्जीगिरी की पुष्टि हुई। इसी दौरान पुलिस टीम को पता चला कि फर्जी इंस्पेक्टर शहजाद बरेली के अस्पताल में है। पुलिस पहुंची तो देखा कि वह वहां भर्ती हैं और इलाज करा रहा है। इस दौरान पुलिस उसकी निगरानी में लगी रही। तबियत में सुधार होते ही शहजाद को पुलिस पकड़कर थाने ले आई और गिरफ्तार कर लिया।


मुरादाबाद गया, दरोगा की परीक्षा दी लेकिन फेल हो गया
शहजाद ने पूछताछ में बताया कि वह इकरा से प्यार करने लगा था। लेकिन उसके परिवारवाले सरकारी नौकरी वाले लड़के से उसकी शादी करना चाहते थे। इस दौरान मैने बरेली कालेज से बीकाम किया। इकरा भी हाफिजगंज में रहती है। उसके घर मेरा आना जाना था। इसके बाद मैं मुरादाबाद चला गया। वहां रहकर यू-ट्यूब से सीजीएल/यूपी पुलस के सब इंस्पेक्टर की परीक्षा की तैयारी की। उसने परीक्षा भी दी लेकिन सफल नही हुआ। उधर, सीजीएल में पास अभ्यर्थियों की उसने लिस्ट देखी तो 2643 नम्बर पर शहजाद अंसारी पुत्र मुमताज अंसारी पास हुआ था। उसका नाम मेरे नाम से मैच कर रहा था। इसके बाद उसने ऑनलाईन सीजीएल लिस्ट में एडिटिंग कर वहां शहजाद अहमद पुत्र मुस्ताक अहमद कर दिया। फिर एक फर्जी आधार कार्ड और दो फर्जी आईडी बनाया। इसमें एक आईडी कार्ड जीएसटी व उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर रैंक का तैयार किया।

दो पुलिस वर्दी मुरादाबाद से सिलवाई और वहीं पास के दुकान से वर्दी का पूरा सामान खरीद लिया। अब यू-ट्यूब पर पुलिस के चलने का अंदाज और वर्दी पहनने का ढंग सीखा। फिर पूरे मिजाज से वर्दी पहनकर अपने हाफिजगंज कस्बे में पहुंचा। मोहल्ले के लोग उसे देख बड़े खुश हुए। जगह-जगह उसका सम्मान भी हुआ। यही नही कई चैनलवाले आये और उसने इंटरव्यू भी दिया। इससे उसका मनोबल बढ़ा तो उसने वर्दी पहनकर इंस्टाग्राम, फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया। जब उसके इंस्पेक्टर बनने की जानकारी इकरा के परिवारवालों को हुई तो वह शादी के लिए राजी हो गये। निकाह के बाद यह राज मैं इकरा से छुपाया रहा। इस दौरान कहीं नौकरी करने नही गया, घर में पैसे की तंगी थी। यह सब देख इकरा और उसके भाई को मेरा सारा राज पता चल गया। जब मुझे पता चला कि मेरी बीबी और साले मेरे खिलाफ कार्रवाई कराने जा रहे हैं तो मेरी तबियत खराब हो गई। सीने में दर्द की वजह से परिवारवालों ने उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया था।

