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वाराणसी जेल में बलिया के CHC अधीक्षक की मौत पर सवालः पूर्व IPS ने की DGP से जांच की मांग

भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने 20 हजार रूपये घूस लेते किया था गिरफ्तार, किया जेल में दाखिल

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जेल में परिवार से मिलने के बाद हुई परेशानी तो जेल गार्ड ले गये थे अस्पताल

अमिताभ ठाकुर ने कहा-अवैध वसूली के लिए डॉ. वेकटेश के साथ हो रहा था दुर्व्यवहार

वाराणसी, भदैनी मिरर। पूर्व IPS और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 16 जून को डाक्टर वेंकटेश मौआर की जिला जेल में बंद रहने के दौरान मौत पर सवाल उठाते हुए जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। बलिया के बांसडीह CHC के अधीक्षक रहे डा. वेंकटेश को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी इकाई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें जिला जेल में रखा गया। इस मामले में अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी को शिकायत भेज कर जांच की मांग की है। उधर, जेल प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर डा. वेंकटेश की मौत का कारण बीमारी बताया है।  

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अपनी शिकायत में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि डॉ. वेंकटेश के नजदीकियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस अवधि में अवैध वसूली के लिए जेल प्रशासन द्वारा डॉ. वेंकटेश के साथ घोर दुर्व्यवहार किया गया। इन कारणों से जब उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा तो उनके स्वास्थ्य संबंधित मामलों में भी घोर लापरवाही बढ़ती गई। अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि लखनऊ जेल के अपने सात महीने के अनुभव के आधार पर वे डॉ. वेंकटेश के परिजनों के आरोपों में पर्याप्त बल पाते हैं।

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आपको बता दें कि पिछले गुरूवार को बलिया के बांसडीह सीएचसी के अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौआर को वाराणसी विजिलेंस टीम ने 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक अजय तिवारी ने इसकी शिकायत की थी। अजय की शिकायत पर इंस्पेक्टर धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय विजिलेंस टीम बलिया पहुंची। अजय ने जैसे ही डा. वेंकटेश को रिश्वत की राशि सौंपी उसी समय टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पूरी कार्रवाई का वीडियो फुटेज भी बनाया गया था।

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तूल पकड़ा मामला तो कारागार अधीक्षक ने जारी  की विज्ञप्ति

उधर, मामला जब तूल पकड़ने लगा तो जेल प्रशासन की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई। वाराणसी जिला कारागार अधीक्षक द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 43 वर्षीय डॉ. वेकटेश बिहार (औरंगाबाद) के बारूड थाना क्षेत्र के इटहट भौआर खैरा के निवासी थे। वह बलिया जिले के बांसडीह सीएचसी पर तैनात थे। भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी इकाई ने 13 जून को न्यायिक अभिरक्षा में दाखिल किया था। वह  Hypertention with migraine  रोग से पीड़ित थे। 16 जून को परिजनों से मुलाकात के बाद डा. वेंकटेश को High Grade fever with Sudden onset of unconscious की शिकायत पर जेल के गार्ड हनुमंत और पंकज कुमार यादव की अभिरक्षा में उन्हे एसएसपीजी कबीरचौरा भेजा गया। वहां बंदी को भर्ती कराया गया। इसके बाद उसी दिन दोपहर 3.30 बजे बंदी गार्ड ने सूचना दी कि डा. वेंकटेश का निधन हो गया। 

अधीक्षक ने किया था औषधी केंद्र का निरीक्षण, लेन-देन में फंसा पेंच

जांच में सामने आया था कि पिछले छह जून से अमृत फार्मेसी के संचालक और चिकित्सा अधीक्षक के बीच विवाद चल रहा था। डॉ. वेंकटेश ने जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने केंद्र में अनियमितताएं पाई थीं। इसके बाद संचालक संजय तिवारी को नोटिस जारी कर फार्मेसी बंद करने की चेतावनी दी गई थी। उधर, अजय ने एंटी करप्शन विभाग से शिकायत की थी कि अधीक्षक डॉ. वेंकटेश लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे। उन्हें पहले ही तीन लाख रुपए दे चुका हूं। जब अधीक्षक ने फिर 20 हजार रुपए मांगे तो मैंने इनकार कर दिया। इसके बाद 7 जून को अधीक्षक ने केंद्र का निरीक्षण कर अनियमितताओं का नोटिस जारी कर दिया।
 

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