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खाकी पर लगा एक और दाग : आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने में इंस्पेक्टर प्रेम सिंह राणा के खिलाफ मुकदमा 

योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को वही खाकी वाले लगा रहे बट्टा, जिन पर है कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी 

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prem singh rana
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देश और समाज की सेवा करने के वजाय, खाकी की आड़ में बनाता रहा अकूत सम्पत्ति

मेरठ, भदैनी मिरर। खाकी वर्दी पहन कर समाज और देश की सेवा करने की बात अब महज कहने के लिए है। यहां तो देखने में यही आ रहा है कि वर्दी मिल जाने का मतलब अवैध कार्य की पूरी छूट। ऐसा ही एक इंस्पेक्टर प्रेम सिंह राणा अवैध कमाई के जरिए अकूत सम्पत्ति का मालिक बन बैठा। शामली जनपद के कैराना में तैनात रहा इंस्पेक्टर प्रेम सिंह राणा आखिरकार सतर्कता अधिष्ठान विभाग के घेरे में आ गया। अब उसके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा दर्ज हो गया। गौरतलब है कि यूपी के विभिन्न जनपदों में अवैध वूसली, घूस लेते समय गिरफ्तारी से लगायत भ्रष्टाचार की पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ काफी शिकायतें सामने आ रही हैं। वाराणसी में पिछले कुछ सालों में करीब एक दर्जन दरोगा और दीवान घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गये। ऐसे में योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर वही पुलिसवाले बट्टा लगाते दिख रहे है जिन पर कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है।

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prem singh rana

लग्जरी जिंदगी जीने वाले इस इंस्पेक्टर के शौक भी निराले थे। वर्दी की आड़ में यह अवैध सम्पत्तियां अर्जित तो करता ही रहा, लोगों पर धौंस भी खूब जमाता रहा। उस पर मुकदमा दर्ज होने से उसके आसपास के लोगों का कहना है कि अब उसी ऐंठन ढीली होगी। उसके पैतृक गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि उसने इसकी शिकायत की थी। जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है। लोगों का कहना है कि राणा की जहां-जहां तैनाती हुई, उन सभी स्थानों पर उसकी गतिविधियों की जांच कराई जाय। क्योंकि इंस्पेक्टर ने अरबों की सम्पत्ति अर्जित किया है। 

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आपको बता दें की बागपत जनपद के दोघट थाना क्षेत्र के निरपुडा गांव निवासी प्रेम सिंह राणा शामली जनपद के कैराना कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक था। इस दौरान उसने खुली लूट मचाई और 4 करोड़ से अधिक पैसा इकठ्ठा किया। इतना ही नहीं इंस्पेक्टर प्रेम सिंह राणा ने जनपद सहारनपुर, शामली बागपत, दिल्ली और मेरठ में भी कई आलीशान मकान खरीदे ओर कई बीघा कृषि भूमि खरीद लिया। ताबड़तोड़ संपत्ति अर्जित करने के मामले में अब इंस्पेक्टर प्रेम सिंह राणा सतर्कता अधिष्ठान विभाग के घेरे में हैं। हालांकि प्रेम सिंह राणा कैराना कोतवाली मे तैनात रहा है, लेकिन अब वही पुलिस उसके कारनामों की पोल खोल रही है। 

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शिकायत और जांच की शुरुआत 

कैराना कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी रहे प्रेमवीर सिंह राणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर शासन ने सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर को जांच सौंपी गई। जांच में आय से 2,92,06,045 रुपये अधिक की संपत्तियां तत्कालीन कैराना कोतवाल द्वारा अर्जित की गई। इस पर सर्तकता अधिष्ठान के प्रभारी निरीक्षक ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-13 (1) बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया। सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर के प्रभारी निरीक्षक कृष्णवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। शासन के सतर्कता अनुभाग- 3 ने आठ दिसंबर 2020 को कैराना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा के खिलाफ खुली जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद 21 फरवरी 2024 को शासन को जांच आख्या भेज दी। जांच में जनपद बागपत के ग्राम निरपुड़ा निवासी प्रेमवीर सिंह राणा की कैराना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक द्वारा लोकसेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए जांच के लिए निर्धारित की गई अवधि में अपनी आय के समस्त ज्ञात व वैध स्रोतों से 1,65,36,556 रुपये की आय अर्जित की। इस अवधि में प्रेमवीर सिंह राणा द्वारा परिसंपत्तियों के अर्जन व भरण पोषण पर 4,57,42,602 रुपये व्यय किया गया। जो ज्ञात व वैध स्रोतों से अर्जित की गई अपनी आय से 2,92,06,045 रुपे अधिक व्यय किया गया। ज्ञात व वैध स्रोतों से 2 करोड़, 92 लाख 6 हजार, 45 रुपये की आय के बारे में प्रेमवीर सिंह राणा से सतर्कता अधिष्ठान ने स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उनके द्वारा कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके चलते प्रथम दृष्ट्या प्रेमवीर सिंह राणा को प्रथम दृष्ट्या आय से अधिक परिसम्पत्ति अर्जित करने का दोषी पाया गया।

इन धाराओं में मुकदमा हुआ दर्ज

कैराना कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा को जांच में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित) भ्रष्टाचार निवारा अधिनियम 2018 की धारा 13 (1) बी के अंतर्गत अपराधिक दुराचार और उक्त अधिनियम की धारा-13 (2) के अंतर्गत दंडनीय संज्ञेय अपराध है। शासन ने 18 अगस्त 2025 को मुकदमा दर्ज कर वृहद जांच के आदेश दिए हैं। 

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