
...और कानूनी चक्रव्यूह में फंस गया बरेली का मौलाना तौकीर रजा
बरेली बवाल के बाद से दर्ज हुए है दस मुकदमे, नौ में मौलाना पर साजिशकर्ता की धारा लगी है



बरेली। फतेहगढ़ जेल में बंद आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां कानूनी चक्रव्यूह में फंस चुका है। इससे उसके जेल से निकलने की उम्मीद नही दिखाई दे रही है। मौलाना के खिलाफ बवाल के दिन दर्ज नौ अन्य मुकदमों में तौकीर रजा को साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया गया है। इन मुकदमों के विवेचकों ने तौकीर का वारंट बी फतेहगढ़ जेल में दाखिल कर दिया है। मौलाना की तलबी 14 अक्तूबर को है।


दबंगई और रूतबे के अलावा मौलाना का स्थानीय मीडिया पर अच्छा प्रभाव था। हालांक वर्ष 2010 से ही मौलाना तौकीर राजा का नाम दंगा कराने की साजिश में आता रहा। लेकिन कभी कार्रवाई नही हो सकी। इसलिए कि उस समय प्रशासन पर भी उसने अपना दबदबा बना लिया था। सत्ताधारियों से करीबी होने का फायदा मौलाना उठाता रहा। दरगाह परिवार से जुड़े होने और मुस्लिम वोट बैंक को देखते हुए सियासत उसके खिलाफ कड़े फैसले लेने से हिचकती रही। लेकिन इस बार 26 सितंबर को प्रदर्शन का आह्वान करके मौलाना तौकीर ने मुसीबत मोल ले लिया। फिलहाल मौलाना फतेहगढ़ जेल में और उसके करीबी बरेली जेल में बंद हैं।

26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद शहर में हुए बवाल के बाद पुलिस ने पांच थानों में दस मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें से कोतवाली के पांच मुकदमों समेत सात में मौलाना तौकीर का नाम शामिल है। प्रदर्शन का आयोजन तौकीर रजा के आह्वान पर हुआ था, इसलिए पुलिस ने मुकदमों में उसे साजिशकर्ता के रूप में शामिल किया है। इसके अलावा वर्ष 2019 में सीएए एनआरसी मामले में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मामला अभी तक कोतवाली में चल रहा था। अब इस मामले के विवेचक ने भी मौलाना को आरोपित बताकर वारंट बी दाखिल किया है। आपको बता दें कि मौलाना को कोर्ट में तलब करने के लिए सात मामलों में वारंट बी दखिल किया गया था। सोमवार को सुनवाई होनी थी, जो टल गई। अब 14 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। एसपी सिटी मानुष पारीक के अनुसार मौलाना तौकीर रजा से संबंधित सभी मुकदमों में विवेचना से लेकर गिरफ्तारी तक उच्च अधिकारियों की देखरेख में चल रही है।

तनहाई बैरक में है मौलाना तौकरी रजा
27 सितंबर से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद मौलाना तौकीर रजा को तनहाई बैरक में रखा गया है। शासन स्तर से सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मौलाना की गतिविधियों से लेकर उससे मुलाकात करने वालों तक का पूरा ब्योरा रखा जा रहा है। जेल प्रशासन मौलाना को ज्ञानवर्धक पुस्तकें मुहैया करा रहा है। हिंदी व उर्दू साहित्य की पुस्तकें भी दी जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार शासन ने बरेली बवाल मामले को गंभीरता से लिया है। इसलिए इस मामले कोई रियायत न बरतने का निर्देश दिया गया है। अबतक की कार्रवाई के बाद अंदरखाने में चल रही प्रतिक्रयाओं पर खुफिया विभाग नजर बनाए हुए है। कई लोगों के मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लिये गये हैं।

