भ्रष्टाचार : अमेठी का घूसखोर दरोगा कर्मवीर सिंह, लखनऊ में गिरफ्तार
घूसखोरी का चस्का-दूसरों को जेल भेजने की धमकी देनेवाला खुद पहुंच गया सलाखों के पीछे

संग्रामपुर थाने पर तैनात है दरोगा, एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा
लखनऊ। यूपी में पुलिस महकमे में जितने सुधार के दावे किये जा रहे हैं उससे कहीं अधिक भ्रष्टाचार बढ़ता दिखाई दे रहा है। आयेदिन कहीं मुकदमे से आरोपितों का नाम निकालने, एफआर लगाने और नही कुछ मिला तो उल्टी-सीधी धारा में जेल भेजने की धमकी देकर घूसखोरी की प्रवृति ने जोर पकड़ लिया है। हालिया मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। यहां गुरूवार को अमेठी जिले के संग्रामपुर थाने में तैनात दरोगा कर्मवीर सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।



जानकारी के अनुसार कर्मवीर सिंह एक मुकदमे की विवेचना कर रहा था। उसने उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के एवज में गंगाराम से 30 हजार रूपये घूस मांगे थे। इससे पहले भी वह उससे घूस की रकम वसूल चुका था । इसके बावजूद दरोगा रह-रहकर गंगाराम को जेल भेजने की धमकी देता था। इससे तंग आकर भुक्तभोगी गंगाराम ने एंटी करप्शन विभाग के अधिकारी से शिकायत कर दी। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। शिकायतकर्ता ने दरोगा से बात की तो उसे रूपये देने के लिए दरोगा ने बुलाया। शिकायतकर्ता के साथ एंटी करप्शन की टीम भी पहुंच कर आसपास ऐसा घेरा बना चुकी थी कि किसी को शक न हो। लखनऊ स्थित फीनिक्स प्लासियो मॉल के गेट नंबर 7 के सामने जैसे ही शिकायतकर्ता ने दरोगा को 30 हजार रूपये दिये, टीम ने दरोगा को धर दबोचा।

दूसरों को पकड़ने और गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी देनेवाला दरोगा पकड़ में आते ही घिघियाने लगा। एंटी करप्शन टीम ने घूसखोर दरोगा के पास से रिश्वत के रूपये बरामद कर लिए। आपको बता दें कि अभी पिछले शुक्रवार को एंटी करप्शन की टीम ने मऊ जिले के हलधरपुर थाने के दारोगा अजय सिंह को बीस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके अलावा इस वर्ष प्रतापगढ़, प्रयागराज से लगायत विभिन्न जिलों में कई दरोगा और पुलिसकर्मी घूस लेते गिरफ्तार किये गये। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अबतक एक दर्जन से अधिक दरोगा और पुलिसकर्मियों को पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा आयेदिन घूस और वसूली की शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन आला अधिकारियों की कृपा से ऐसे मामले दबा दिये जाते हैं। जानकारों का कहना है कि भ्रष्टाचार का यह जहर पुलिस महकमे में उपर से लेकर नीचे तक फैल चुका है।



