मुख्यंमत्री के करीबी रहे अम्बरीष सिंह भोला तक पहुंची नशीले कफ सिरप तस्करी कांड की आंच
पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर का आरोप, शुभम से मोटी रकम लेते थे भोला

डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को भेजा पत्र और वीडियो, निष्पक्ष जांच की मांग
हिंदू युवा वाहिनी में मंडल प्रभारी रह चुके हैं अम्बरीष, वीडीए बोर्ड के सदस्य है अभी
वाराणसी, भदैनी मिरर। नशीले कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी मामले की आंच सत्ताधारियों तक पहुंच चुकी है। अब तक इस मामले में गिरफ्तार और फरार आरोपितों के तार सत्ताधारियों से रहे हैं। इस कांड के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का फोटो सत्ता के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर के साथ वायरल हुआ था। अब इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जानेवाले भाजपा नेता अम्बरीष सिंह भोला का भी नाम जुड़ गया है।




पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने वीडीए बोर्ड के सदस्य और भाजपा नेता अम्बरीश सिंह भोला का नाम कफ सीरप तस्करी के सरगना शुभम जायसवाल से जुड़े होने का दावा किया है। इस मामले में अमिताभ ठाकुर ने प्रदेश के डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच की मांग की है। उन्होंने दो वीडियो भी भेजे हैं, जिनमें से एक कथित रूप से अम्बरीश सिंह भोला के रामकटोरा, बड़ी पियरी स्थित मकान से जुड़ा बताया जा रहा है। इन वीडियो में कफ सीरप से जुड़े सामान ले जाए जाने का दावा किया गया है। हालांकि वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हुई है। अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि शुभम जायसवाल द्वारा भोला को हर महीने भारी रकम दी जाती थी। यह सभी तथ्य जांच योग्य हैं और पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

उधर, अम्बरीश सिंह भोला ने इन आरोपों को खारिज किया है। मीडिया को बताया कि उनका शुभम जायसवाल से कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं रहा। वह शहर के आम व्यक्तियों की तरह शुभम को जानते हैं लेकिन इससे ज़्यादा उनका उससे कोई जुड़ाव नहीं है। भोला इसे राजनीति से प्रेरित भी बता रहे हैं। अम्बरीश सिंह भोला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित हिंदू युवा वाहिनी में मंडल प्रभारी रह चुके हैं। अभी वह वीडीए बोर्ड के सदस्य हैं। अब इस आरोप के बाद प्रशासनिक व राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर इससे पहले कफ सिरप तस्करी कांड में बिहार के एक मंत्री और इस मामले में गिरफ्तार बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह के बारे में जांच की मांग कर चुके है। इस प्रकरण की जांच शासन के निर्देश पर एसआईटी कर रही है। जबकि यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने एसआईटी जांच पर अविश्वास जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।


