

अखिलेश यादव का चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमला, लगाया ये बड़ा आरोप


समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जानबूझकर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।
पिछड़ों के वोट काटकर BJP को फायदा दिखाया जाता है
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट उसी फॉर्मेट में उपलब्ध कराए, जिसकी उनकी पार्टी ने मांग की है, तो सच सामने आ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा यह दिखाती है कि पिछड़ों का वोट उन्हें मिल रहा है, लेकिन वास्तव में उनके वोट ही डिलीट किए जा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शाहगंज और छिबरागंज जैसे क्षेत्रों में सपा बेहद कम अंतर से हारी है।



चुनाव आयोग सुनता है बीजेपी की बात
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद यूपी में अब तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई, जबकि शिकायतें बार-बार दर्ज कराई गईं। उनका कहना है कि अगर किसी एक डीएम पर भी सख्त कार्रवाई होती, तो वोट काटने की घटनाएं रुक जातीं।
जाति आधारित नियुक्तियों पर आपत्ति
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीएलओ और प्रेसीडिंग अफसरों की तैनाती जाति के आधार पर की जाती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी पहले से तय कर लेते हैं कि किस क्षेत्र में कौन अफसर उनके लिए अनुकूल रहेगा। उन्होंने चुनौती दी कि यूपी के आंकड़े सामने लाकर देखें कि चुनाव किसके अधीन होगा।


हमारी शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
सपा प्रमुख ने सवाल उठाया कि 2017 के बाद से अब तक यूपी में जितने भी चुनाव हुए हैं, उनमें उनकी किसी भी शिकायत पर कोई अधिकारी नहीं हटाया गया। जबकि भाजपा की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अधिकारी गड़बड़ी करता है तो चुनाव आयोग उस पर कार्रवाई क्यों नहीं करता?

अखिलेश यादव ने दावा किया कि जैसे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराने वाले विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग सीधे स्थानीय पुलिस अधिकारियों से संपर्क में था, वैसे ही यूपी में भी चुनाव आयोग पक्षपात करता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश में लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा या नहीं। विपक्ष होने के नाते अगर कुछ गलत लगेगा तो वे विरोध करते रहेंगे।

