वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी के गंगा घाट पर यदि नगर निगम से बिना अनुमति के आयोजन किए तो भारी पड़ सकता है. नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि कोई भी संस्था या व्यक्ति गंगा नदी के घाटों पर बिना अनुमति कोई भी कार्यक्रम नहीं कर सकता. इसको लेकर नगर निगम के सख्ती शुरू कर दी है.
गंगा घाट पर आय दिन संस्था या व्यक्तियों द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या अन्य विभाग से अनुमति लेकर कार्यक्रम आयोजित कर देते है, लेकिन नगर निगम से अनुमति नहीं लेते. नगर निगम का कहना है कि घाटों की साफ सफाई, मरम्मत एवं अन्य सौन्दर्यीकरण का कार्य हमारा है. ऐसे में कार्यक्रम के समापन के पश्चात वहां पर काफी गन्दगी और कई स्थानों पर टूट-फूट भी जाती है. जिसे नगर निगम द्वारा ठीक कराया जाता है. इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी संस्था या व्यक्ति अपने कार्यक्रम की अनापत्ति नगर निगम से भी प्राप्त करेगा.
नगर निगम ने शुक्रवार को शिवाला घाट, गुलेरिया घाट तथा भोसले घाट पर पंडाल लगाकर गौरव कपूर द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा था. सूचना मिलने पर राजस्व विभाग के विभागाध्यक्ष सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव मौके पर पहुंचे और जब पता किया तो गौरव कपूर के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम किया जाता है, परन्तु नगर निगम से अनुमति प्राप्त नही की जाती है. नगर निगम से अनुमति प्राप्त न करने की दशा में सहायक नगर आयुक्त के द्वारा ₹ 1.75 लाख जुर्माना लगाया गया, तथा आयोजक द्वारा तत्काल जुर्माने की धनराशि जमा की गयी. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के द्वारा आम जनमानस से आग्रह किया गया कि यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार आयोजन गंगा के घाटों पर किया जाना है तो उसके पूर्व उनके द्वारा नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा अन्यथा कि स्थिति में उनके विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी