Movie prime
Ad

गृहमंत्री के बयान पर घमासान: कही शाह का पुतला फूंकने की कोशिश तो कही हुआ राहुल गांधी का विरोध, हाई रहा पॉलिटिकल टेंपरेचर

Ad

 
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

वाराणसी। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बाबा भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान से देशभर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गृहमंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है, जबकि समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर कड़ी आलोचना की है। कई राज्यों में विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में गुरुवार को वाराणसी में भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह जोरदार प्रदर्शन किया।

Ad
Ad

पुतला फूंकने की कोशिश

वाराणसी में समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए उनका पुतला फूंकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर से पुतला लेकर प्रशासनिक भवन की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की झड़प हो गई।

Ad
Ad

समाजवादी छात्रसभा के नेता और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विमलेश यादव ने गृहमंत्री अमित शाह पर डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "बाबा साहब ने देश का संविधान बनाया, जिसे पूरी दुनिया में आदर की दृष्टि से देखा जाता है। संसद में गृहमंत्री का बयान भाजपा और उसकी विचारधारा को दर्शाता है। इसी का विरोध करने के लिए हमने उनका पुतला जलाने का प्रयास किया।"

Ad

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पुतला जलाने की कोशिश को नाकाम कर दिया और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें सिगरा थाने ले जाया गया।

अनोखा प्रदर्शन: अंबेडकर की प्रतिमा की आरती

प्रदर्शन का एक और अनोखा तरीका वाराणसी में देखा गया, जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की आरती उतारी और संविधान की प्रतियां हाथों में लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री के बयान को संविधान और बाबा साहब के सम्मान पर हमला करार दिया।

समाजवादी पार्टी अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव सत्य प्रकाश सोनकर ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, "सदन में जिस तरह गृहमंत्री ने अंबेडकर-अंबेडकर- अंबेडकर कहकर कटाक्ष किया, वह न केवल दलितों बल्कि शोषित-वंचित, गरीब और महिलाओं को भी आहत करता है। यह भाजपा और संघ की मानसिकता को दर्शाता है, जो हमेशा से दलितों और पिछड़ों के खिलाफ रही है।"

सत्य प्रकाश ने आगे कहा, "बाबा साहब ने अपने संविधान के माध्यम से दलितों, वंचितों और महिलाओं को समान अधिकार दिलाए। यह संविधान दलितों और पिछड़ों के लिए एक वरदान है। गृहमंत्री का बयान न केवल उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह संविधान पर भी हमला है। हम मांग करते हैं कि गृहमंत्री अमित शाह अपने बयान को वापस लें और देश से माफी मांगें।"

भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा काशी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा राहुल गांधी का प्रतीकात्मक पुतला फूंका कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे भारतीय जनता पार्टी काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा अनूप जायसवाल ने बताया कि आज राहुल गांधी का हम सभी ने पुतला फूंका है, जिस तरह लोकसभा के अंदर राहुल गांधी ने दुर्भावनापूर्ण मनसा से प्रताप सारंगी जी को धक्का दिया, जिसके कारण वह गंभीर रूप से चोटिल हो गए है, उनका सिर फूट गया है तो हम ऐसी घटना की निंदा करते हैं।

सियासी पारा चढ़ा

गृहमंत्री अमित शाह का बयान संसद में चर्चा के दौरान आया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अंबेडकर जी के प्रति उनके रवैये पर सवाल उठाए थे। विपक्ष ने इस बयान को अंबेडकर का अपमान करार दिया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता बता रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने संसद में नीला कपड़ा पहनकर विरोध जताया। उन्होंने इसे बाबा साहब के सम्मान में उठाया गया कदम बताया।

क्या है विवाद की जड़?

गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि बाबा साहब अंबेडकर को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर के विचारों का कभी सम्मान नहीं किया। विपक्ष ने इस बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए इसे संविधान के निर्माता का अपमान बताया।

इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। विपक्ष ने संसद के अंदर और बाहर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वाराणसी में हुए इन प्रदर्शनों ने सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव को स्पष्ट कर दिया है।

Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB