लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार इस बजट को विकासपरक और ऐतिहासिक बता रही है, जबकि विपक्ष इसे खोखले वादों का पुलिंदा करार दे रहा है।
शिवपाल यादव का तंज – महंगाई और बेरोजगारी ‘अदृश्य’
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने योगी सरकार के बजट पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर लिखा तो आ गया बजट 2025! एक और ऐतिहासिक बजट, जहां महंगाई और बेरोजगारी संगम की सरस्वती की तरह ‘अदृश्य’ है और विकास सिर्फ भाषणों में नजर आता है। जनता से झूठे वादों का नया सीजन शुरू हो चुका है। एक बार फिर अच्छे दिन केवल कल्पनाओं में दस्तक दे रहे हैं।”
‘बड़े घोटाले की पटकथा’ – शिवपाल यादव
मीडिया से बातचीत में शिवपाल यादव ने इस बजट को घोटाले की स्क्रिप्ट करार देते हुए कहा— “अगर यही विकास है, तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए। मैं इस बजट को पूरी तरह खारिज करता हूं। सरकार को जुमलों की किताब के बजाय जनता की जरूरतों के मुताबिक बजट बनाना चाहिए। 2027 में हम एक बेहतर बजट लेकर आएंगे, जो जनता के हित में होगा।”
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे का हमला
सपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने यूपी सरकार के बजट को ‘हवा-हवाई’ बताते हुए कहा कि, पिछले साल सरकार ने जो बजट पेश किया था, उसमें 31 विभागों को आवंटित बजट का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। ऐसे में यह बजट भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेगा।”
अखिलेश यादव बोले – बजट में कोई दिशा नहीं
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव** ने कहा कि “यह योगी सरकार का नौवां और आखिरी से पहले वाला बजट है। सरकार के बजट और चुनावी घोषणा पत्र में कोई तालमेल नहीं है। न ही कोई स्पष्ट फोकस नजर आ रहा है।