संभल: जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने गुरुवार को छह मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी। 208 आरोपियों के खिलाफ तैयार किए गए 4175 पन्नों के आरोपपत्र को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की अदालत में प्रस्तुत किया गया। इनमें से चार मामले संभल कोतवाली और दो नखासा थाना क्षेत्र में दर्ज किए गए थे।
हिंसा की वजह बना कोर्ट का आदेश
हिंसा की शुरुआत 19 नवंबर 2024 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य कुमार के आदेश से हुई थी, जिसमें संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। इसी आदेश के तहत रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया और उन्हें मस्जिद का सर्वे करने का निर्देश दिया गया।
इसके बाद, 24 नवंबर को जब जिला अधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) की मौजूदगी में दूसरा सर्वे शुरू हुआ, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया और हिंसा भड़क उठी। इस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पुलिस ने सात एफआईआर दर्ज की थीं
हिंसा के बाद पुलिस ने सात प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की थीं, जिनमें से पांच मामले कोतवाली संभल और दो नखासा थाने में दर्ज किए गए थे।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर चार्जशीट नहीं
हिंसा के एक मामले में संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी नामजद किया गया था। हालांकि, उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई।
पुलिस के अनुसार, सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, और उसके निर्देशों के तहत पुलिस इस मामले में कानूनी परामर्श ले रही है।