वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गेट नंबर दो पर राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मोहन भागवत के विरोध में पोस्टर लहराए गए। इस दौरान मौके पर मौजूद सिगरा पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए कई NSUI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर सिगरा थाने भेज दिया।

क्या है मामला?
हाल ही में मोहन भागवत ने इंदौर में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस दिन अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस दिन को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस और उससे जुड़े संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

विद्यापीठ से निकला प्रदर्शन मार्च
NSUI पूर्वी के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडेय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के परिसर से विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए मोहन भागवत के विरोध में पोस्टर लहराए। जब पुलिस ने इन पोस्टरों को जब्त करना शुरू किया, तो प्रदर्शनकारी गेट नंबर 2 के बाहर सड़क पर पहुंच गए और प्रदर्शन को जारी रखा।
पोस्टर जब्त, नारेबाजी जारी
सड़क पर नारेबाजी के बीच आरएसएस के खिलाफ लिखे पोस्टरों को पुलिस ने जब्त कर लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को पुलिस जीप में बैठाकर थाने ले जाया गया। इस दौरान ऋषभ पांडेय ने कहा, “हम यहां मोहन भागवत के बयान का विरोध करने के लिए जुटे थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया और हिरासत में ले लिया। भागवत को उनके बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

महात्मा गांधी और बाबा साहब का अपमान
ऋषभ पांडेय ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत का बयान महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर और देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। उन्होंने कहा, “NSUI इस बयान को स्वीकार नहीं करेगी और लगातार इसके विरोध में प्रदर्शन करेगी।”
