प्रयागराज, भदैनी मिरर। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को पीएम मोदी और सीएम योगी ने ‘एकता का महाकुंभ’ का नाम दिया, जिसे सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के पहले दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #एकताकामहाकुम्भ हैशटैग ने सभी ट्रेंड्स को पीछे छोड़ दिया। सुबह से ही लोगों ने महाकुंभ से जुड़े वीडियो, फोटो और जानकारियां शेयर करनी शुरू कर दीं। शाम साढ़े तीन बजे तक करीब 70 हजार यूजर्स ने इस हैश टैग का उपयोग किया। सीएम योगी के इस हैशटैग का उपयोग करने के बाद प्रतिक्रियाओं में और तेजी आई। यूजर्स ने संगम स्नान, महाकुम्भ में उमड़ी भीड़ और सनातन आस्था को लेकर अपने विचार साझा किए।

पहला अमृत स्नान कल
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार से महाकुंभ का आगाज हो गया। आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) किया जाएगा। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर नागा साधु और संत शाही स्नान करेंगे। बता दें कि महाकुंभ में शाही स्नान का खास महत्व होता है। कहते हैं कि अमृत स्नान के दिन स्नान करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को किया जाएगा। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

मेले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान पर्व का अनूठा संयोग जुड़ रहा है। दोनों ही स्नान पर्वों के एक साथ पड़ने से श्रद्धालुओं में उत्साह है। ठंड और बूंदाबांदी के बावजूद श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा हुआ है। संतों-महतों के शिविर जागृत हैं। पूरे मेला क्षेत्र में प्रवचन व वेद की ऋचाओं की गूंज है। मेला में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।

40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद
भीड़ का दवाब देखते हुए महाकुंभ क्षेत्र में कुछ पुलों पर आवागमन रोक दिया गया। यातायात प्रबंधन योजना में तात्कालिक तौर पर संशोधन किए गए। साथ ही चार हजार हेक्टेयर में विस्तारित महाकुंभ क्षेत्र में तैयारियों का रिहर्सल भी कर लिया गया।