वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया (Phd Addmission) में कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब चार साल पहले तक जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) पास कर चुके अभ्यर्थियों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा।
जेआरएफ पास अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश का अवसर
जो अभ्यर्थी 2021, 2022, 2023 में जेआरएफ पास कर चुके हैं और अभी भी स्कॉलरशिप प्राप्त कर रहे हैं, वे पीएचडी में आवेदन करने के योग्य होंगे। लेकिन, अगर किसी अभ्यर्थी ने 2021 या 2022 में जेआरएफ प्राप्त किया था और उनकी स्कॉलरशिप समाप्त हो चुकी है, तो उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा। ऐसे अभ्यर्थियों को सामान्य उम्मीदवारों की तरह, जिनकी जून 2024 की नेट परीक्षा में सफलता मिली हो, आवेदन करना होगा।
पीएचडी प्रवेश में बढ़े दावेदार
इस साल बीएचयू में पीएचडी के लिए 1540 सीटों पर प्रवेश होगा। पांच दिन के भीतर 3000 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अब एक सीट पर 10 दावेदार होंगे, जबकि पहले ये संख्या 5 थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम छात्रों की मांग और उत्कृष्ट शिक्षा एवं शोध को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है। बीएचयू के 16 संकायों के 140 मुख्य विषयों में इन सीटों का आवंटन होगा।
जेआरएफ पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
सीएसआईआर, आईसीएमआर, डीबीटी, और आईसीएआर जेआरएफ को प्रवेश दिया जाएगा, जबकि यूजीसी जेआरएफ को तीन साल और बाकी को दो साल की स्कॉलरशिप मिलती है। जेआरएफ वैलिडिटी 2 साल से अधिक रखने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन के समय अनुमति पत्र या दस्तावेज अपलोड करना होगा।
यह बदलाव जेआरएफ प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है, क्योंकि सीएसआईआर जेआरएफ प्राप्त होते ही मासिक फेलोशिप मिलने लगती है और उन्हें सीधे इंटरव्यू के माध्यम से पीएचडी में प्रवेश मिलेगा।