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सफल ऑपरेशन: अपने पैरों पर खड़ा हुआ 12 सालों से बिस्तर पर पड़ा मरीज, हाईवे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया जटिल 6 ऑपरेशन…

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सफल ऑपरेशन: अपने पैरों पर खड़ा हुआ 12 सालों से बिस्तर पर पड़ा मरीज, हाईवे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया जटिल 6 ऑपरेशन…
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वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है, इसी योजना के तहत मऊ के शाहिद जमाल को भी एक नई जिंदगी मिली है, जो पिछले 12 सालों से बिस्तर पर पड़े थे, जिनका हाइवे हॉस्पिटल में डॅाक्टरों ने सफल इलाज किया है और आज वो एक आम जिंदगी जी सकते है और चल-फिर सकते है.   

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दरअसल, मऊ निवासी है मरीज शाहिद जमाल (32) जो पिछले बहुत सालों से जोड़ों के जाम होने से परेशान रहे. जमाल 12 सालों से बिस्तर पर ही लेटे रहते थे, लेकिन आज वो खुद के पैरों पर खड़े हो सकते है और चल-फिर सकते है. नया जीवन पाकर शाहिद जमाल बहुत ही खुश है और डाक्टरों की टीम को धन्यवाद दिया है.

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हाईवे हॉस्पिटल (अमरा, चौराहा, चितईपुर, चुनार, रोड) वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. ए. के. राय ने बताया कि मऊ निवासी शाहिद जमाल के कूल्हे-घूटने व टखने पूरी तरह से बोनी एंकिलोसिस के कारण जाम हो गए थे. 2017 में एम्स दिल्ली में लोगों ने बोन टीबी मान कर मरीज का इलाज शुरू किया पर ऑपरेशन नहीं किया. डॉ. राय ने बताया कि चोट के कारण जमाल के दूसरे अन्य जोड़ भी खराब हो गए. जोड़ों का इलाज न होने के कारण मरीज पूरी तरह से पिछले 2012 से बेड रेस्ट पर था. मरीज को उठा कर शौच आदि कराया जा रहा था.

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डॉ राय ने बताया कि जमाल एक लकड़ी के डंडे की तरह हमेशा बिस्तर पर पड़ा रहता था, चलने-फिरने में असमर्थ था. जमाल के घुटनों का ऑपरेशन करना दुनिया के घुटनों के एक्सपर्ट के लिए अपने आप एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि गठिया और एंकिलॉज़िंग स्पोंडिलोसिस (ankylosing spondylosis) नामक बीमारी ऐसी होती है जिसमें मरीज को खड़ा करना किसी चुनौती से कम नहीं होता, लेकिन एक के बाद एक 6 जटिल ऑपरेशन के बाद आज 12 साल बाद मरीज अपने पैर पर खड़ा हो सका है.

डॅा राय ने बताया कि मरीज ने कहा कि दिल्ली में उसे ऑपरेशन का 7 लाख खर्च बताया गया था, लेकिन उस समय कोविड के कारण वो इलाज न करा सका. वहीं 2017 में वह एम्स के पहले बीएचयू गया, यहां भी ऑपरेशन नहीं करा सका. दवा चलती रही. जमाल बिस्तर पर ही रहा. परिस्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती गई, जबकि मरीज को जटिल ऑपरेशन की आवश्यकता थी.

डॉक्टर ए.के. राय ने बताया कि मरीज पीजीआई आजमगढ़ में हमसे मिला मगर पीजीआई आजमगढ़ में कमरे की सुविधा नहीं है और इसको सिंगल कमरा चाहिए जो आयुष्मान भारत में उपलब्ध नहीं है, इसलिए हाईवे हॉस्पिटल, अमरा चौराहा (चितईपुर) चुनार रोड में भर्ती हो गया वहां आयुष्मान की व्यवस्था है.

डॉ. राय ने बताया कि पिछले 27 अप्रैल को ऑपरेशन के 12 साल बाद मरीज खड़ा हुआ और चल पाया है, जबकि 12 साल से वह बिस्तर पर था. मरीज 20 फरवरी 2024 को आयुष्मान भारत के तहत भर्ती हुआ. उसका पहला ऑपरेशन 4 मार्च 2024 को टोटल हीप रिपलेसमेंट किया गया, दूसरा ऑपरेशन 13 मार्च को, तीसरा 23 मार्च को किया गया और चौथा आपरेशन 6 अप्रैल को, पांचवा और छठा आपरेशन 24 अप्रैल को B/L Ankle किया गया.

डॅा राय ने बताया कि भारत में इतने कम पैसे में इस तरह के जटिल आपरेशन का इलाज करना आयुष्मान भारत के तहत ही संभव हो पाया है. इस ऑपरेशन में डा. ए के राय के साथ उनकी टीम में डा. सत्यप्रकाश मोदनवाल, डा. विवेक राय, डा. दीप्ति निगम, डा. राकेश (एनेसथिसिया), डा. संदीप कुमार (फ़िज़ियोथेरेपिस्ट), ओ टी टेक्नीशियन सुनील कुमार, सत्येंद्र सिंह, सहित अन्य डॉक्टर्स व स्टाफ की भूमिका रही.

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