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Sophia Qureshi : 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद चर्चा में कर्नल सोफिया कुरैशी, जानें भारतीय सेना की इस जांबाज़ लेडी अफसर की कहानी

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Sofia Qureshi
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Colonel Sophia Qureshi : भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में की गई सटीक और प्रभावशाली कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) ने आतंक के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। इस पूरे मिशन पर सेना ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें भारतीय थल सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने बिफ्रिंग की। चलिए जानते हैं, कौन हैं ये साहसी महिला अफसर, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया।

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गुजरात की बेटी, सेना की शेरनी

कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) गुजरात से ताल्लुक रखती हैं और भारतीय सेना की कोर ऑफ सिग्नल्स से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया है और सेना की पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं—उनके दादा भी फौज में सेवा दे चुके हैं। उनका विवाह मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के एक आर्मी अफसर से हुआ है, जिससे उनका जीवन पूरी तरह सेना को समर्पित है।

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पहली भारतीय महिला जो बनीं अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास की लीडर

कर्नल सोफिया के नाम पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज है—वह भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने 'फोर्स 18' नामक अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। यह अभ्यास आसियान प्लस देशों का एक बहुराष्ट्रीय प्रशिक्षण मिशन था, जिसमें 18 देशों की सेनाओं ने हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने शांति स्थापना अभियानों के लिए ट्रेनिंग प्रदान की।

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संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी निभाई भूमिका

साल 2006 में, कर्नल सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के साथ भी काम किया। वहां उन्होंने संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में सीजफायर की निगरानी, शांति बनाए रखने और स्थिरता लाने की दिशा में अहम ज़िम्मेदारियाँ निभाईं।

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नेतृत्व की मिसाल, न कि सिर्फ महिला अफसर

कर्नल सोफिया ने एक बार कहा था कि उनकी ड्यूटी में संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति की निगरानी और राहत प्रयासों का समर्थन करना शामिल था। तत्कालीन सदर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि, “उनका चयन सिर्फ लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता और सामरिक समझ के आधार पर किया गया था।”

कर्नल सोफिया कुरैशी सिर्फ एक अफसर नहीं, बल्कि हिम्मत, काबिलियत और नेतृत्व की प्रेरणादायक मिसाल हैं। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका ने साबित कर दिया है कि भारतीय सेना में महिला अधिकारी भी मोर्चे पर डटकर नेतृत्व कर सकती हैं और देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।

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