गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती उत्तर प्रदेश एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार की उपचार के दौरान मौत हो गई। वह सोमवार रात यूपी के शामली जिले में बदमाशों से मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। डॉक्टरों ने मंगलवार को उनके पेट से गोली निकाल ली थी, लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी रही। एसपी शामली रामसेवक गौतम ने कहा कि इंस्पेक्टर सुनील की मौत के बाद एक टीम गुरुग्राम भेजी गई है।
शामली में सोमवार रात हुई थी मुठभेड़, चार बदमाश ढेर
सोमवार रात यूपी के शामली जिले में एसटीएफ मेरठ यूनिट की टीम ने मुठभेड़ के दौरान कुख्यात गैंग के चार बदमाशों को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ उदपुर गांव के पास हुई, जिसमें करीब 30 मिनट तक गोलीबारी हुई और 40 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। घटनास्थल को सील कर दिया गया और पुलिस ने बदमाशों के पास से तमंचे, कारबाइन, कारतूस और कार को जब्त किया।
पुलिस ने पहले ही की थी क्षेत्र में घेराबंदी
एसटीएफ मेरठ यूनिट के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार के मुताबिक, सोमवार सुबह 11 बजे उन्हें मुखबिर से इनामी अपराधी अरशद और उसके साथी के आने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने उदपुर ईंट भट्ठे के पास अपनी फील्डिंग जमा कर दी थी और देर शाम तक यह मुठभेड़ हुई। इस दौरान पूरी जगह हिल गई थी, जब दोनों ओर से तेज गोलीबारी हुई।
इंस्पेक्टर सुनील का योगदान
एसपी ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील ने अपनी एके-47 राइफल से फायर किया, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों ने भी गोलियां चलाईं। टीम के अन्य सदस्य प्रमोद कुमार, जयवीर सिंह, प्रीतम सिंह, विवेक, जोशी राणा, रोमिश तोमर, आकाशदीप, अंकित कुमार आदि ने भी बदमाशों को ढेर करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
सुनील कुमार का करियर
एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सुनील कुमार मेरठ के मसूरी गांव के निवासी थे और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आर्म्स फोर्स से की थी। 25 साल पहले एसटीएफ में शामिल होने से पहले वह पीएसी में कंपनी कमांडर थे। उन्होंने ददुआ और ठोकिया जैसे कुख्यात अपराधियों के साथ कई एनकाउंटरों में भाग लिया। सुनील कुमार ने कई अपराधियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिनमें अनिल दुजाना, आदेश और धीरज जैसे कुख्यात अपराधी शामिल हैं।