
अंतरराष्ट्रीय हॉकी से स्टार खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने लिया संन्यास, बनारस ने कहा सलाम
ओलंपिक पदक विजेता और वाराणसी के गौरव ललित उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट के साथ अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की

Jun 23, 2025, 01:16 IST

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ललित घरेलू और लीग मैच खेलना जारी रखेंगे
वाराणसी, भदैनी मिरर। भारतीय हॉकी के दिग्गज और वाराणसी के बेटे ललित उपाध्याय ने आज अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की। ललित ने लिखा –

“आज मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा करता हूं। यह एक कठिन पल है, लेकिन हर खिलाड़ी को एक दिन इसका सामना करना पड़ता है। हमारे देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान और गर्व रहा है। आप सभी का दिल से धन्यवाद।”
ललित उपाध्याय भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी, आक्रामक मिडफील्डर और कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में निर्णायक खिलाड़ी रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली ऐतिहासिक टीम में उनका भी योगदान रहा।


Today, I announce my retirement from international hockey.
— Lalit Upadhyay (@lalithockey) June 22, 2025
It’s a tough moment, but one every athlete must face one day.
It has been the greatest honour and pride of my life to represent our country 🇮🇳🙏
Thank you for everything. 🙏 @HockeyIndiaLeag @TheHockeyIndia pic.twitter.com/OcryhKsYxQ


वाराणसी से ओलंपिक तक का सफर

वाराणसी के शिवपुर निवासी ललित ने अपने खेल की शुरुआत स्थानीय मैदानों से की। दो वर्षों तक स्थानीय स्तर पर खेल honing करने के बाद उन्होंने अंतर महाविद्यालयी प्रतियोगिताओं में करमपुर टीम का प्रतिनिधित्व किया और वहीं से उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

वे लगातार दो ओलंपिक (2016 और 2020) में भारत की टीम का हिस्सा रहे, जो वाराणसी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। ओलंपिक पदक विजेता बनने के बाद सरकार ने उन्हें पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी के पद से सम्मानित किया।
ललित ने भले ही अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि वह घरेलू टूर्नामेंट और लीग मुकाबलों में खेलना जारी रखेंगे। उनके संन्यास के बाद फैंस और साथी खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि “भारतीय हॉकी का एक गौरवशाली अध्याय समाप्त हो गया।”


