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काशी की प्राचीन प्रथा को क्यों किया जा रहा नष्ट, अजय राय बोले- दर्शन करने जाऊँगा, मुझे गिरफ्तार करें 

माता गौरा और बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा ढंककर ले जाने पर विवाद 
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1. पूर्व महंत आवास से अलसुबह ही निकाली गई पालकी

2. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने साधा पीएम पर निशाना

3. काशी की पुरातन सनातन प्रथा को नष्ट किया जा रहा: अजय राय 

वाराणसी,भदैनी मिरर। रंगभरी एकादशी पर माता गौरा के पालकी यात्रा में शामिल होकर काशीवासी अबीर-गुलाल उड़ाकर होली के हिडंग की अनुमायी लेते है. यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास से अलसुबह ही माता गौरा और बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को ढंककर श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचाया गया. जिसको लेकर काशी की जनता जहाँ एक ओर आहत है वहीं दूसरी ओर अब यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है. वहीं, सुरक्षा को लेकर अजय राय ने कहा है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मैं दर्शन करने जाऊंगा पुलिस की हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करे. 

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काशी के राजा है बाबा 

अजय राय ने कहा कि बाबा श्री विश्वनाथ जी काशी के राजा है और हम काशीवासी उनके प्रजा है. प्रजा यानी काशी की जनता आज रंग भरी एकादशी के पावन पर्व पर बाबा विश्वनाथ और माँ गौरा के स्वरूप का दर्शन करती है. बाबा विश्वनाथ जी और माँ गौरा की पालकी को इस बार ढक के निकाला गया है. यह बाबा विश्वनाथ और माँ गौरा का अपमान है. काशी की जनता के भावनाओं को आहत किया गया है. इस मुद्दे पर काशीवासी एकजुट है. हम इस अपमान का बदला लेंगे. 

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प्रथा को नष्ट करने के लिए नहीं चुना 

अजय राय ने कहा कि काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काशीवासियों ने धर्म की रक्षा के लिए चुनकर भेजा है, न की प्रथा को नष्ट करने के लिए. काशी की पुरातन सनातन प्रथा को नष्ट किया जा रहा है. आखिर हमें पालकी दर्शन करने से क्यों रोका जा रहा है? पुलिस लगाकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने से रोकना तो तानाशाही की पराकाष्ठा है.

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