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वाराणसी: माँ कूष्मांडा दुर्गा मंदिर श्रृंगार एवं संगीत समारोह की दूसरी रात, बाँसुरी-गायन-कथक ने बांधा समा

पद्मश्री पं. रोनू मजूमदार की बाँसुरी और विशाल कृष्ण के कथक से भक्त हुए मंत्रमुग्ध, मोती और स्फटिक मणियों से माँ कूष्मांडा का हुआ श्रृंगार 

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Mata kushmanda durgakund varanasi
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वाराणसी, भदैनी मिरर। माँ कूष्मांडा दुर्गा मंदिर में चल रहे वार्षिक श्रृंगार एवं संगीत समारोह की दूसरी निशा भक्तिमय और संगीतमय माहौल में सम्पन्न हुई। इस दौरान गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी ने ऐसा समां बाँधा कि श्रद्धालु व संगीतप्रेमी देर रात तक कार्यक्रम में डूबे रहे।
Vishal
निशा का शुभारंभ वाराणसी के कथक कलाकार विशाल कृष्ण ने देवी स्तुति से किया। इसके बाद उन्होंने पारम्परिक कथक की अद्भुत प्रस्तुति दी और अंत में “बाजे मुरलिया बाजे” पर कथक कर खूब वाहवाही लूटी। तबले पर पं. शुभ महाराज, गायन व संवांदिनी पर मोहित साहनी और सारंगी पर अनीश मिश्रा ने उनका साथ दिया।
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Vishal
इसके बाद उपशास्त्रीय गायक भगीरथ जालान ने राग हंसध्वनि में गणेश वंदना और राग मालकौंस में बंदिश प्रस्तुत कर श्रोताओं को भक्ति रस में डुबो दिया। उन्होंने माँ काली की स्तुति, देवी का पचरा “जय दुर्गे मोरी मैय्या भवानी” और सूरदास की रचना गाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
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Ronu Majumder
मुख्य आकर्षण रहे पद्मश्री पं. रोनू मजूमदार और ऋषिकेश मजूमदार की बाँसुरी जुगलबंदी। उन्होंने राग सुरदासी मल्हार से शुरुआत कर तीन ताल की बंदिशें प्रस्तुत कीं और अंत में हिमाचल की पहाड़ी धुन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर अभिषेक मिश्रा ने साथ दिया। समारोह का संयोजन महंत राजनाथ दुबे और स्वागत विश्वजीत दुबे ने किया। मंच संचालन प्रीतेश आचार्य और सोनू झा ने संभाला।
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Mata Kushmanda
माँ का दिव्य श्रृंगार
श्रृंगार महोत्सव के दूसरे दिन माँ कूष्मांडा का श्रृंगार मोतियों और स्फटिक मणियों से किया गया। सोने में पिरोई सफेद मोतियों की माला से सुसज्जित माँ की अलौकिक छवि ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्तों की लंबी कतार मंदिर से कुण्ड तक लगी रही।
सायं 4 बजे पंचामृत स्नान और पीतवस्त्र धारण कराने के बाद माँ को कोलकाता से मंगाए गए विशेष गुलाब और बेला की माला से सजाया गया। शाम 6 बजे मंदिर का पट खुलते ही माँ के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
आरती पं. किशन दुबे और श्रृंगार पं. कौशलपति द्विवेदी ने सम्पन्न कराया। व्यवस्था में संजय दुबे, विकास दुबे और प्रकाश दुबे सहित अन्य लोग जुटे रहे।
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