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आस्था और अध्यात्म से नहाई काशी: लाखों व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

राजघाट से अस्सी घाट तक श्रद्धा का जनसैलाब,  घाटों से लेकर घर-आंगन तक श्रद्धा का माहौल

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भदैनी मिरर डेस्क 

वाराणसी। लोक आस्था के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन सोमवार को पूरी काशी आस्था और श्रद्धा से सराबोर हो उठी। धुंध और हल्की बदली के बीच लाखों व्रती महिलाओं ने अपने परिजनों के साथ गंगा घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। घाटों से लेकर तालाबों और सरोवरों तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।

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सुबह से ही श्रद्धालु घरों में पूजन की तैयारी में जुटे थे। दोपहर बाद गाजे-बाजे, गीत-संगीत और उत्साह के बीच महिलाएं सिर पर पूजन सामग्री से भरी ‘डाल दउरी’ रखकर गंगा तट की ओर रवाना हुईं। लाल और पीले वस्त्रों में सजे श्रद्धालु छठ मैया के पारंपरिक गीत गाते हुए जब घाटों पर पहुंचे, तो पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से गूंज उठा।

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36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद व्रती महिलाओं ने कमर भर पानी में खड़े होकर अस्त होते भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया। व्रतियों के साथ उनके परिजनों ने भी घुटनों तक जल में उतरकर सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।

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शहर के प्रमुख घाटों — दशाश्वमेध, अस्सी, राजघाट, प्रह्लाद घाट, पंचगंगा घाट, नमो घाट, ब्रह्मा घाट, गाय घाट समेत आसपास के सभी तटों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही। सबसे अधिक जनसैलाब दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर देखा गया। घाटों के किनारे बच्चों और युवाओं में भी आस्था और उत्साह चरम पर था।
व्रतियों ने घाटों पर पहुंचकर मिट्टी की वेदियों पर हल्दी से शुभ प्रतीक बनाए, गंगा मईया और सूर्यदेव को दीप अर्पित किए और छठ मैया के पारंपरिक गीतों के बीच अर्घ्य विधान पूरा किया। गंगा तट पर झिलमिलाते दीप, जल में प्रतिबिंबित श्रद्धा और आसमान में गूंजते भक्ति गीत आध्यात्मिक छटा बिखर रहा था। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ और जल पुलिस की 11 टीमें सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रहीं। घाटों पर साफ-सफाई और रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई थी। महापर्व का समापन मंगलवार तड़के उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। इसके साथ ही चार दिन चलने वाला यह महा व्रत पूर्ण होगा।

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आल्हा-काल्हा तालाब पर छठ पर्व की भव्य छटा,  छठ गीतों से गूंजा पूरा इलाका

रिपोर्ट- वीरेंद्र पटेल 

वाराणसी, भदैनी मिरर। लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सोमवार को शिवपुर थाना क्षेत्र के परमानंदपुर स्थित आल्हा-काल्हा तालाब पर भव्य आयोजन हुआ। चार दिवसीय इस पवित्र पर्व में श्रद्धालुओं ने नहाय-खाय, खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य और उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा को पूरे विधि-विधान और भक्ति भाव से निभाया।

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तालाब के तट को आकर्षक ढंग से फूलों, रंगोली और दीपों से सजाया गया था। शाम होते ही पूरा वातावरण छठ मैया के गीतों और भक्ति भजनों से गूंज उठा।महिलाओं ने सिर पर पूजन सामग्री से भरी दउरी लेकर घाट की ओर प्रस्थान किया और परिवार के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया।

पूरे कार्यक्रम में भक्ति और सामूहिकता की अनूठी झलक देखने को मिली। पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी पारंपरिक परिधानों में शामिल हुए। तालाब किनारे दीपों की रोशनी जल में झिलमिलाती रही, जिससे माहौल में आध्यात्मिक छटा बिखर गई।

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सुरक्षा के दृष्टिगत शिवपुर पुलिस ने  विशेष व्यवस्था की गई। जल पुलिस और स्वयंसेवक लगातार श्रद्धालुओं की मदद में जुटे रहे ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।
 

 

36 घंटे निर्जला व्रती महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

रिपोर्ट- दीपक गुप्ता 

मिर्जामुराद। क्षेत्र के अलग अलग जगहों पर तालाबों में सोमवार को आस्था के महापर्व छठ पूजा के दिन व्रती महिलाएं की हजारों की संख्या में भीड़ देखने को मिली। नहाए खाए से शुरू यह पर्व खरना से लेकर 36 घंटे व्रती महिलाएं मंगलवार के सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दे कर सम्पन्न कर व्रत का पारण करेंगी। आज छठ पूजा का तीसरा दिन है, इस पूजा में यह दिन सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि इसी दिन संध्या को अर्घ्य यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है, यह दिन भक्ति, आस्था और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, इस दिन व्रती महिलाएं अपने पति और बच्चे की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद मांगती है। सोमवार की शाम वाराणसी के ग्रामीण जोन के मिर्जामुराद के बंगला चट्टी के पुरानी शिव मंदिर स्थित तालाब में व गौर गांव के पुराने हनुमान जी के मंदिर, राजातालाब, कछवा रोड, जंसा, कपसेठी, बड़ागांव, सिंधौरा में हजारों की संख्या में निर्जला वर्ती महिलाओं की भीड़ देखने को मिली जो डूबते सूर्य को अर्घ्य दे छठी मैया से आशीर्वाद लिया। इस दौरान सुरक्षा के दृष्टिगत जगह जगह पुलिस बल तैनात रही।

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