वाराणसी, भदैनीमिरर। महमूरगंज स्थित श्री शृंगेरी मठ में चल रही शिवपुराण कथा के छठे दिवस की कथा दिव्यता और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण रही। कथा व्यास श्रीकृष्ण अनुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक ने इस दिन जलंधर और वृंदा प्रसंग का विशिष्ट वर्णन करते हुए हनुमान जी की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कथा व्यास ने श्रोताओं से कहा - “हनुमान केवल रामभक्त नहीं, वे स्वयं शिवजी के अवतार हैं। उनके बिना रामकथा अधूरी है और उनका चरित्र हमें पराक्रम, भक्ति और आत्मसमर्पण का संदेश देता है।”
कथा में मंच पर मौजूद काशी के संत-महंत
कार्यक्रम में काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पं. श्रीकांत मिश्रा भी उपस्थित रहे। उन्होंने कथा के बाद पं. शिवम विष्णु पाठक को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस प्रकार की कथाएं युवाओं और समाज में आध्यात्मिक चेतना लाती हैं। महंत श्री सच्चिदानंद जी ने व्यासपीठ की मंगल कामना की और चिंतामणि गणेश मंदिर से पधारे महंत सुब्बाराव जी ने व्यास जी को आशीर्वाद प्रदान किया।
कार्यक्रम में जितेन्द्रानंद सरस्वती ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को दिव्यता प्रदान की और भक्तों के बीच बैठकर कथा श्रवण किया। कथा के सप्तम दिवस को विश्राम दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें कई दिव्य प्रसंगों का उल्लेख किया जाएगा। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से समय पर पधारने और शिवपुराण के अंतिम प्रसंगों का लाभ लेने की अपील की है।