Movie prime
Ad
Ad

बैकफुट पर आए स्वामी रामभद्राचार्य, संत प्रेमानंद पर दिए विवादित बयानों पर हो रही आलोचना

देश भर के संतों ने भी स्वामी रामभद्राचार्य के बयानों की निंदा की

Ad

 
Raambhadracharya
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

पहले उत्तराधिकारी और बाद में खुद स्वामी रामभद्राचार्य ने दी सफाई

चित्रकूट, भदैनी मिरर। वृंदावन के विख्यात संत प्रेमानंद महाराज को चुनौती देने के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य का न केवल सनातनी बल्कि संत समाज भी विरोध में उतर आया है। तीखी आलोचना के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य अब बैकफुट पर आ गए है। पहले उनके उत्तराधिकारी रामचंद्र दास ने सफाई दी, उसके बाद खुद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सफाई दी है।
आचार्य रामचंद्र दास ने रामभद्राचार्य के हवाले से कहा कि जगद्‌गुरु सबके होते हैं. सारी प्रजा उनके पुत्र के समान होती है। जगद्‌गुरु की बातों को इस तरह से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज से गुरुदेव को किसी प्रकार की ईर्ष्या नहीं है।
मिलने आयेंगे तो हृदय से लगाऊंगा: रामभद्राचार्य
Ad
Ad
Ad
स्वामी रामभद्राचार्य ने न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में विवादित बयानों (आजकल मूर्ख भी कथावाचक बन गए है, प्रेमानंद कोई चमत्कार नहीं करते। वह मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखाएं।) के बाद देशभर से संतों की आलोचना झेलनी पड़ रही है। अब उन्होंने खुद अपने बयानों पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मैंने प्रेमानंद जी के लिए कोई भी अभद्र टिप्पणी नहीं की है। वो मेरे सामने पुत्रवत हैं। जब भी वो मिलने आएंगे उन्हें हृदय से लगाऊंगा। उनके स्वास्थ्य के लिए भी प्रार्थना करूंगा। लेकिन मैं चमत्कार को नमस्कार नहीं करता हूं। मैं सिर्फ उन्हें नहीं सबको कहता हूं कि संस्कृत पढ़ो। प्रत्येक हिंदू को संस्कृत पढ़ना चाहिए। मैंने तो धीरेंद्र शास्त्री को भी संस्कृत पढ़ने को कहा है। 
Ad
Ad
Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB