स्वामी प्रेमानंद जी ने बताया कैसे मनाएं होली, बोले- शराब पीकर कीचड़ में होली खेलने वाले हिरण्यकश्यप के लोग




1. नशा उत्सव को खराब करता है :प्रेमानंद जी
2. अबीर-गुलाल लगाकर भक्तिपूर्ण माहौल में मनाएं त्यौहार : स्वामी जी
3.सभ्यता-समाज, धर्म-आध्यात्म के खिलाफ न करें कोई काम: संत प्रेमानंद जी
यूपी,भदैनी मिरर। वृन्दावन के प्रख्यात संत प्रेमानदं जी महराज ने इस होली युवाओं से तीन चीजें त्यागने की प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि होली में दो पक्ष है. एक पक्ष हिरण्यकश्यप का और दूसरा भक्त प्रह्लाद का. हिरण्यकश्यप के पक्ष वाले होली में चेहरे पर कालिख पोतते और नाली में खेलते है. शराब पीते है, कीचड़ में खेलते है, कपड़े फाड़ते है, व्यसन करते है. दूसरा है भक्त प्रह्लाद यानी साधुता का पक्ष. यह पक्ष एक-दूसरे पर गुलाल लगाते है, कीर्तन करते है, पद गायन करते और ठाकुर जी को गुझिया और मिठाई भोग लगाकर पाते है और आनंद मनाते है.

भक्ति की प्राथमिकता
संत प्रेमानंद जी महराज ने कहा कि हिरण्यकश्यप को उदास देखकर उसकी बहन होलिका ने कहा कि आप उदास क्यों है? हिरण्यकश्यप ने कहा कि तमाम उपायों के बाद भी प्रह्लाद मर नहीं रहा. जिस पर होलिका ने कहा आज मर जाएगा. लकड़ी का बहुत सा ढेर लगाया जाए उसमें लेकर हम प्रहलाद को बैठ जाएंगे. हमें अग्नि से वरदान मिला है एक शीतल पट हम ओढ लेंगे तो हमारा रोम भी नहीं झुलसेगा और प्रह्लाद मर भी जाएगा. हिरण्यकश्यप बड़ा प्रसन्न हुआ. उसने लकड़ी का पहाड़ लगाया, जिसमें प्रहलाद जी को लेकर हिरण्यकश्यप की बहन बैठ गई. आग लगने के बाद भगवान की कृपा से ऐसी वायु चली कि शीतल पट भक्त प्रह्लाद के ऊपर आ गया और होलिका जलकर ख़त्म हो गई. जितने प्रह्लाद पक्ष के लोग थे वह अगले दिन सुबह प्रह्लाद को जीवित देखकर बहुत खुश हुए. वह ढोल-मजीरा और कीर्तन से होली की पूजा की और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली खेली. आनंद मनाया कि प्रह्लाद जी भगवान की भक्ति से बच गए.

इस होली न किया जाये नशा
स्वामी प्रेमानंद जी महराज ने समस्त देशवासियों से प्रार्थनाएं की है कि इस होली कोई भी व्यसन ना किया जाए. व्यसन उत्सव को खराब कर देता है. शराब, हुक्का और ड्रग्स कोई भी नशा न किया जाए. स्वच्छ मन से भगवान का नाम जप करते हुए पद गायन करते होली का आनंद लिया जाए. नशे में होली का आनंद थोड़ी होता है, नशे में तो मूढ़ता छा जाती है. इस होली उत्सव में नशा ना किया जाए.
उन्होंने कहा कि ऐसी होली न मनाएं जो सभ्यता-समाज, धर्म-आध्यात्म के खिलाफ हो. उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात है शराब न पिए, जो शराब पीते है वह होली उत्सव में स्वाहाः कर दें. दूसरी खास बात है मांसाहार न करें. क्योंकि आप भले जीव हत्या नहीं करते लेकिन आप खरीद कर लाते है तो हिस्सेदारी हुए. आप हिंसक ही माने जाओगे. तीसरी बात किसी माता-बहन की तरफ गंदी नज़रों से न देखें.


