Ravidas Jayanti : सीर गोवर्धन में रविदास मंदिर में उमड़ रहा रैदासियों का रेला, दर्शन पूजन कर नवा रहे शीश




वाराणसी,भदैनी मिरर। संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के अवसर पर वाराणसी के सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर में भव्य आयोजन हो रहा है। इस मंदिर को "काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर" भी कहा जाता है। श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत माहौल में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़ रहे हैं। मंदिर परिसर भजन-कीर्तन, शोभायात्रा और विशेष पूजा-अर्चना से गूंज उठा है।


जयंती समारोह के तहत विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें देशभर से आए अनुयायियों ने भाग लेंगे। श्रद्धालु संत रविदास के भजनों का आनंद लेते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प ले रहे हैं। प्रशासन ने भी सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से धार्मिक आयोजन का आनंद उठा सकें।


संत रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी में हुआ था, और वे अपने आध्यात्मिक ज्ञान व सामाजिक सुधारों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने भजनों और उपदेशों के माध्यम से समाज में समानता, भक्ति और मानवता का संदेश दिया। जातिवाद और भेदभाव के घोर विरोधी संत रविदास ने हमेशा आत्मज्ञान और प्रेम का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज को प्रेरणा देती हैं।


विदेशी अनुयायी भी बने सेवादार
संत रविदास जयंती पर मत्था टेकने विदेश से आए अनुयायी भी सेवादार के रुप में लंगर से लेकर चेकिंग प्वाइंट पर सेवा दे रहे है। बातचीत करने पर कहा कि गुरु के धाम पर हर कोई परिवार का सदस्य है। वह कहते है यहाँ न किसी का कोई पद है और न ही कोई खास । साल में एक बार यहाँ से ऊर्जा लेकर जाते है और पूरे साल काम करते है। विदेशी अनुयायी कहते है जब जयंती पर यहाँ आते है तो यह देखकर अच्छा लगता है कि युवा लगातार रविदास जी के विचारों से प्रभावित होकर जुड़ रहे है और यह परिवार लगातार बढ़ रहा है।


