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चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन है ज्येष्ठा गौरी और मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन का विधान, दर्शन मात्र से होती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण 

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वाराणसी। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन जगदम्बा जगतजननी मां भगवती के गौरी स्वरूपों में ज्येष्ठा गौरी के दर्शन पूजन करने का विधान माना जाता है। भक्तों ने मां के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण कर रहे है। वहीं शक्ति के उपासक मां ब्रह्मचारिणी के दरबार में शीश नवाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। मां ज्येष्ठा गौरी और मां ब्रह्मचारिणी दोनों के दरबार में भोर से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी है। 

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ब्रह्म मुहूर्त मंदिर के अर्चक ने मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इस दौरान पूरा मंदिर क्षेत्र जयमाता दी के जयघोष से गूंज उठा। भक्त माता को प्रसाद, नारियल, चुनरी अर्पित करके सुख-समृद्धि की कामना कर रहे। 

बता दें कि वासंतिक नवरात्र के दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी के दर्शन-पूजन मान्यता है। देवी पुराण के वर्णन के अनुसार ज्येष्ठा गौरी के दर्शन पूजन से व्यक्ति की समस्त सद्कामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्येष्ठा गौरी के दर्शन-पूजन से मुख्यत: व्यक्ति के हृदय में धर्म के प्रति अनुराग बढ़ता है।

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मंदिर के आसपास माला-फूल और चुनरी की दुकानें दूर तक सजी रहीं। कर्णघंटा के निकट सप्तसागर मोहल्ले में देवी ज्येष्ठा गौरी की जय और जय माता दी के घोष के बीच सुबह से शुरू दर्शन-पूजन का क्रम अब देर रात तक जारी रहेगा। वहीं माता ब्रह्मचारिणी के दरबार में भी इसी तरह से भक्तों का हुजूम नजर आया, जो देर रात तक अनवरत जारी रहेगा।

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