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अघोराचार्य के 'अवतरण दिवस' पर 33 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे, बाबा कीनाराम स्थल पर सम्पन्न हुआ भव्य सामूहिक विवाह समारोह

'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में सम्पन्न हुआ भव्य सामूहिक विवाह समारोह  

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दहेज रहित शादियों की मिसाल बना अघोराचार्य का सामूहिक विवाह कार्यक्रम

जरूरतमंद परिवारों के लिए सामाजिक सहारा बना अघोर शोध एवं सेवा संस्थान 

वाराणसी, भदैनी मिरर। दहेज और खर्चीली शादियों के खिलाफ सामाजिक चेतना को मजबूती देने वाला सामूहिक विवाह अब एक जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। इसी क्रम में 1 मई को विश्वविख्यात अघोरपीठ 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में 33 जरूरतमंद युगल जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। यह आयोजन अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी के ‘अवतरण दिवस’ के अवसर पर किया गया।

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इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि वर-वधू पक्ष को विवाह आयोजन में किसी भी प्रकार की आर्थिक भागीदारी नहीं करनी पड़ी। उन्हें लाने-ले जाने से लेकर भोजन, वस्त्र, आवश्यक गृहस्थ सामग्री और आर्थिक सहयोग तक की व्यवस्था 'अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान' की ओर से की गई।

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दोपहर में हल्दी रस्म और पारंपरिक लोकगीतों के माध्यम से विवाह कार्यक्रम को एक पारिवारिक उत्सव का रूप दिया गया। वहीं रात्रि 8 बजे से उम्दा खानपान, भव्य सजावट और टी.वी. स्क्रीन के ज़रिए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया।

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यह आयोजन न केवल सामाजिक सेवा का उदाहरण था, बल्कि इसने यह भी स्पष्ट किया कि अघोरी परंपरा समाज से जुड़ी हुई है और विपन्न वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम की गूंज देशभर की संस्थान शाखाओं के माध्यम से दूर-दराज के आदिवासी और गरीब परिवारों तक भी पहुंची, जिससे कई ज़रूरतमंदों को सहायता मिल सकी। कार्यक्रम के सुचारु संचालन और भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद दिखा। सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतज़ाम किए गए और अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी की गई।

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यह सामूहिक विवाह न केवल नवदंपतियों के लिए यादगार रहा, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने वाला आयोजन भी सिद्ध हुआ।
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