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नवरात्र नवमी पर माँ सिद्धिदात्री के दर्शन को जुटी भारी भीड़, दर्शन से मिल जाता है पूरे नवरात्र का पुण्यफल

मैदागिन स्थित प्राचीन मंदिर में रात से लगी रही श्रद्धालुओं की कतार

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Mata Siddhidatri Temple
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विशेष श्रृंगार और मंगला आरती के बाद भक्तों ने माँ सिद्धिदात्री के चरणों में अर्पित की श्रद्धा

वाराणसी, भदैनी मिरर। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन वाराणसी में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। नवमी तिथि पर माँ सिद्धिदात्री के प्राचीन मंदिर, मैदागिन में सुबह भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। माँ के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में लंबी कतारें लगी रहीं, जो दोपहर तक जारी रहीं।

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मंदिर के महंत ने बताया कि परंपरा के अनुसार, अलसुबह 3 बजे मंगला आरती के बाद माता के कपाट खोले गए। इसके बाद श्रद्धालुओं का दर्शन क्रम शुरू हुआ, जो दोपहर 1 बजे तक चलता रहा। इसके उपरांत 1 बजे से 3 बजे तक देवी का विशेष श्रृंगार किया गया।
भक्तों की अटूट आस्था
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श्रद्धालु माँ के दरबार में नारियल, चुनरी, लाल अड़हुल की माला और मिष्ठान अर्पित कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद माँगते रहे। श्रद्धालुओं का मानना है कि नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा करने से पूरे नवरात्र व्रत का पुण्यफल प्राप्त होता है।
माँ सिद्धिदात्री की महिमा
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नवदुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री को सिद्धियों की दात्री कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि उनकी कृपा से साधक को अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि आती है।
काशी में देवीमय वातावरण
नवरात्रि के दौरान काशी की गलियां, मंदिर और घाट देवीमय माहौल से सराबोर रहे। जगह-जगह देवी पंडाल, भजन-कीर्तन और आरती की गूंज से पूरा शहर आध्यात्मिक उर्जा से भरा रहा। मैदागिन स्थित माँ सिद्धिदात्री का प्राचीन मंदिर इस उर्जा का मुख्य केंद्र बना रहा, जहाँ माता के जयकारों से परिसर गूंज उठा।
समापन पर आस्था का संदेश
इस प्रकार माँ सिद्धिदात्री की आराधना के साथ नवरात्रि का यह पर्व पूर्ण श्रद्धा, भक्ति और आस्था के बीच संपन्न हुआ। भक्तों ने माता से अपने, परिवार और समाज के कल्याण की कामना की।
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