

नंदघर आनन्द भयो: आधी रात घर-घर जन्में कन्हाई, भक्तों ने सोहर गाई
अखिल ब्रह्माण्ड नायक के जन्मोत्सव पर भक्ति की बयार, काशी में नहीं हुई रात

Updated: Aug 17, 2025, 00:15 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अखिल ब्रह्माण्ड नायक श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में डूब गई है। लंबे अंतराल के बाद इस बार गृहस्थ और वैष्णव दोनों एक साथ कृष्ण जन्माष्टमी मना रहे है। जिसकी वजह से कृष्ण जन्मोत्सव की रौनक और भी बढ़ गई है। चंद्रवंशी भगवान कृष्ण के जन्म की धूम चन्द्रोदय के साथ ही मठ-मंदिर और घरों में शुरु हो गई। जगह-जगह सोहर और बधाइयां बजने लगी। विश्वनाथ दरबार से लेकर इस्कॉन टेंपल, मणि मंदिर सहित घर-घर रात 12 बजे भगवान ने जन्म लिया। मामा कंश के कारागार में माता देवकी के गर्भ से प्रगट होने की खुशी काशी के थानों और कारागारों में धूमधाम से मनाया गया। थानों तक में पूजा-पाठ के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।



नंदलाला की जय-जयकार


भगवान योगेश्वर के जन्मोत्सव की धूम गुरुधाम स्थित इस्कॉन मंदिर में देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो रहे है। मंगला आरती के बाद से खुले कपाट के बाद श्रद्धालुओं का अटूट कतार मंदिर में लगी है। मंदिर प्रांगण में घुसते ही भक्त खुद को नंदगांव में होने की अनुभूति कर रहे थे। मंदिर में एक तरफ 'हरे कृष्णा' नाम का कीर्तन तो दूसरी ओर भगवान की मनमोहक श्रृंगार देख भक्त निहाल हो रहे है। मंदिर प्रांगण में ही भगवान की लीला का मंचन द्वापर युग में ले जा रहा है। मदिर की ओर से लगातार भगवान का प्रसाद वितरित किया जा रहा है। भादों की अष्टमी की रात 12 बजते ही घनघोर अंधेरे में भगवान का जन्म करवाया गया। भगवान को पंचगव्य से स्नान करवाकर नूतन वस्त्र धारण करवाए गए। भगवान की विभिन्न प्रकार के सूखे फल और मौसमी फलों का भोग लगाया गया। उसके बाद भगवान की विराट आरती उतारी गई। भगवान को पालने में विराजमान करवाया गया।


बीएचयू के हॉस्टल में सजी मनमोहक झांकी
ज्ञान-विज्ञान और अध्यात्म के संगम काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सभी हॉस्टल में श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बीएचयू से जुड़े सीएचएस (बॉयस और गर्ल्स), रणवीर संस्कृत विद्यालय, एवी हॉस्टल (कमच्छा) और रीवा कोठी में भी नंदोत्सव की धूम रही।




वहीं, बीएचयू के मुख्य कैंपस में भी चिकित्सकों से लेकर वैज्ञानिकों, शोधार्थियों से लेकर कला संकाय के छात्रों ने अपने हॉस्टल में भगवान की मनमोहक झांकियां सजाई। अलग-अलग हॉस्टल में विभिन्न थीम पर झांकी का प्रदर्शन किया गया। कही भगवान को पर्यावरण संरक्षक के रुप में दिखाया गया तो कही माखनचोर की लीला का मंचन किया गया। त्रिवेणी छात्रावास में राधा-कृष्ण के रुप में झांकी सजाई और झूले पर बिठाकर झूला झुलाया। छात्रों ने अपने- अपने हॉस्टल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया।







मणि मंदिर में जन्माष्टमी का तीन दिवसीय महोत्सव
वाराणसी, भदैनी मिरर। दुर्गाकुण्ड स्थित मणि मंदिर (धर्मसंघ) में जन्माष्टमी का तीन दिवसीय उत्सव चल रहा है। दूसरे दिन धूमधाम से चितचोर प्रभु कृष्ण का जनोत्सव मनाया गया। ठाकुर जी और विशाल नर्वदेश्वर शिवलिंग का विशेष श्रृंगार कर विद्युत झालरों से मंदिर को सजाया गया। श्रद्धालुओं को 101 कुंतल हलवे का प्रसाद वितरित किया गया। मध्यरात्रि पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के सानिध्य में पंचामृत स्नान के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। शाम को आयोजित संगीत समारोह में कथक नर्तक विशाल कृष्ण ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं सितार वादक कृष्णा मिश्रा और अमेरिकी कलाकार पैट लैंबडिन की जुगलबंदी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।



