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Mahashivratri 2025 : 'छोटा काशी' के नाम से प्रसिद्ध है यह शिव मंदिर, जहां औरंगजेब ने चलवाई थी आरी, फिर भी नहीं तोड़ पाया शिवलिंग!

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Mahashivratri 2025 : 'छोटा काशी' के नाम से प्रसिद्ध है यह शिव मंदिर, जहां औरंगजेब ने चलवाई थी आरी, फिर भी नहीं तोड़ पाया शिवलिंग!
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 Mahashivratri 2025 : भारत में कई प्राचीन और चमत्कारी शिव मंदिर हैं, जो भक्तों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। आज महाशिवरात्रि के पावन अपसर पर हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे, जो सैकड़ों साल पुराना है। कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद वह इसमें असफल रहा। उसकी सेना यह चमत्कार देखकर भाग खड़ी हुई थी। आइए जानते हैं कि यह मंदिर कहां है और इसके पीछे की पौराणिक कथा।

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कहाँ स्थित है यह अद्भुत मंदिर?

यह प्राचीन शिव मंदिर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां क्षेत्र में स्थित है और इसे सुनासीर नाथ मंदिर (Sunasir Nath Temple) के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव को सुनासीर नाथ के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना स्वयं इंद्रदेव ने की थी। यह मंदिर भक्तों के बीच अत्यंत श्रद्धा का केंद्र है और इसे "छोटा काशी" भी कहा जाता है।

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"छोटा काशी" क्यों कहा जाता है?

लगभग 200 साल पुराने इस मंदिर को "छोटा काशी" के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को नष्ट करने के लिए आरी चलवाई थी, लेकिन शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। इस शिवलिंग पर आज भी आरी के निशान देखे जा सकते हैं, जो इस मंदिर के इतिहास और आस्था की गवाही देते हैं।

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जब औरंगजेब ने मंदिर पर हमला किया

इतिहास में दर्ज घटनाओं के अनुसार, यह मंदिर कभी सोने से सुसज्जित था। कहा जाता है कि इस मंदिर के दरवाजे, कलश और फर्श पर सोने की गिन्नियां जड़ी थीं, जो इसकी भव्यता को दर्शाती थीं। लेकिन 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर पर आक्रमण कर दिया। जब क्षेत्र के गौराखेड़ा गांव के लोग इस हमले की खबर सुनकर मंदिर की रक्षा के लिए आए, तो मुगल सेना के भारी संख्या में होने के कारण वे ज्यादा देर तक टिक नहीं सके और हार गए।

इसके बाद औरंगजेब ने मंदिर से सोने के कलश, फर्श में जड़ी सोने की गिन्नियां और सोने के घंटे व दरवाजे लूट लिए। इतना ही नहीं, उसने शिवलिंग को नष्ट करने का भी आदेश दिया और उस पर आरी चलवाई, लेकिन वह इसे नष्ट करने में असफल रहा।


आज भी दिखते हैं आरी के निशान

मंदिर के महंत के अनुसार, आज भी इस शिवलिंग पर आरी के निशान स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। यह मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक बना हुआ है। देश-विदेश से लोग यहाँ भगवान शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं।

Mahashivratri 2025 : 'छोटा काशी' के नाम से प्रसिद्ध है यह शिव मंदिर, जहां औरंगजेब ने चलवाई थी आरी, फिर भी नहीं तोड़ पाया शिवलिंग!

महाशिवरात्रि और सावन के महीने में इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। सावन के सोमवार को यहाँ जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।


क्यों है यह मंदिर इतना खास?

  • यह मंदिर मुगल कालीन बर्बरता का गवाह है।
  • शिवलिंग पर आज भी आरी के निशान मौजूद हैं, जो इसे एक अनोखा मंदिर बनाते हैं।
  • इसे "छोटा काशी" कहा जाता है, क्योंकि यहाँ पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
  • यह मंदिर आस्था और चमत्कार का प्रतीक है, जो सैकड़ों वर्षों से भक्तों को आकर्षित कर रहा है।

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