
महादेव को ‘आई लव’ कहना भगवान की गरिमा का अपमान: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य बोले — धार्मिक प्रतीकों का दुरुपयोग दुर्भाग्यपूर्ण, चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग



वाराणसी। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान महादेव को ‘आई लव’ कहना उनकी गरिमा का अपमान है। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक दुरुपयोग अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारी संस्कृति की मर्यादा के खिलाफ है।



शंकराचार्य ने कहा कि भगवान महादेव को इस तरह संबोधित करना न केवल अनुचित है बल्कि आस्था और परंपरा का मजाक उड़ाना है। उन्होंने कहा कि चुनावी मंचों से नेताओं को ऐसे शब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। धर्म और राजनीति को मिलाना देश की आत्मा के लिए सही नहीं है।

शंकराचार्य ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में कौन जीतेगा यह अलग विषय है, लेकिन देश के लिए सबसे ज़रूरी है कि गो माता की रक्षा और सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना हो। उन्होंने कहा, “आज नहीं तो कल सनातन अपने मूल स्वरूप में लौटेगा — यही हमारा कर्तव्य है कि इस भावना को हर व्यक्ति तक पहुंचाएं।”

एक दिवसीय वाराणसी प्रवास पर पहुंचे शंकराचार्य ने श्रीविद्या मठ में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा-अर्चना की और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया।

